राजस्थान के जयपुर के चंदवाजी क्षेत्र में गुरुवार के दिन दहशत मचाने वाले पैंथर की शुक्रवार सुबह मौत हो गई। उसका इलाज बायोलॉजिकल पार्क में चल रहा था। गुरुवार 14 जुलाई की रात उसने तीन लोगों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
जयपुर. राजस्थान के जयपुर जिलें के ग्रामीण इलाके में स्थित चंदवाजी क्षेत्र में पैंथर के हमले में घायल हुए 5 लोगों में से तीन की हालत अभी गंभीर बनी हुई है। तीनों को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है । जिस पैंथर ने इन लोगों पर हमला किया था उस पैंथर को 5 घंटे की मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया था। उसे गुरुवार सवेरे करीब 7:00 बजे पकड़ा गया था और आज उसकी मौत हो गई । उसका इलाज किया जा रहा था। लेकिन इलाज के बीच ही उसने दम तोड़ दिया। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पैंथर की मौत कैसे हुई इसकी पूरी जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही पता चल सकेगी ।
गांव में घुसकर किया था हमला
दरअसल चंदवाजी के अचरोल क्षेत्र में गुरुवार तड़के एक पैंथर ने रामफूल मीणा के परिवार पर हमला कर दिया था । रामफूल के 10 साल के बेटे डेविड को दातों से पकड़ कर खींच कर ले जा रहा था । इस दौरान परिवार जाग गया और फिर रामफूल और उसकी पत्नी संजना ने पैंथर को वहां से भगाया। लेकिन वहां से भागने के पहले पैंथर ने रामफूल और पत्नी संजना के सिर और चेहरे पर पंजे मारकर उसे घायल कर दिया । उसके बाद करीब दो किलोमीटर दूर स्थित अपेक्स यूनिवर्सिटी में निर्माणाधीन भवन में अंदर पहुंच गया। वहां पर सो रहे दो मजदूरों को भी पैंथर ने गंभीर रूप से घायल कर दिया, एक मजदूर गोविंद के तो सिर को बुरी तरह नोच लिया। उसकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है।
बायोलॉजिकल पार्क में चल रहा था इलाज
इस घटना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पैंथर को ट्रेंकुलाइज किया फिर उसे नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में ले जाया गया। पता चला शुक्रवार 15 जुलाई के दिन वहां उसकी मौत हो गई। पैंथर की मौत फिलहाल रहस्य बनी हुई है। चिकित्सकों का कहना है कि उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत पर से पर्दा उठेगा। डॉक्टरों का कहना है कि कूदने के दौरान पैंथर के सर में भी चोट लगी थी, साथ ही उसके घुटने में भी गंभीर घाव हो गया था। उसका इलाज किया जा रहा था लेकिन वह दम तोड़ गया। गौरतलब है कि वन्य जीव की मौत के बाद करीब 5 साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है ।