
जयपुर. राजस्थान के पर्वतों के अवैध खनन के खिलाफ अपनी जान दांव पर लगाने वाले भरतपुर के साधु विजय दास को आज दोपहर जयपुर के एसएमएस अस्पताल से दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है । दोपहर करीब 1:00 बजे के बाद उन्हें सड़क मार्ग से दिल्ली भेजा गया था शाम करीब 5:00 बजे वे दिल्ली पहुंचे और उसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया । साधु विजय दास 85 फ़ीसदी से ज्यादा झुलसी हालत में है। उनके चेहरे को छोड़कर पूरे शरीर को पटिट्योंयों से लपेटा गया है ।
प्रदेश में सियासत गरमाई
इस पूरे मामले में अब राजस्थान में सियासत ने जोर पकड़ लिया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस पूरे मामले में जांच कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की एक टीम गठित की है । 5 सदस्य टीम भरतपुर जाकर इस पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को रिपोर्ट करेगी। बाद में इस रिपोर्ट को केंद्र सरकार तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि भरतपुर में जो हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार की घोर लापरवाही है। सरकार समय पर खनन पर रोक नहीं लगा सकी और इतना बड़ा हादसा हो गया।
5 सदस्यों की टीम बनाई
भरतपुर मामले में प्रदेश अध्यक्ष पूनिया ने कहा कि 5 नेताओं की टीम बनाई गई है जो कारणों की जांच करेगी। इसलिए अलवर सांसद महंत बालक नाथ, पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी गजेंद्र सिंह खींवसर और पूर्व विधायक राजकुमारी जाटव एवं बनवारी सिंघल को जिम्मा सौपा गया है। नेताओं की यह टीम शुक्रवार को भरतपुर जाकर इस पूरे घटनाक्रम की पड़ताल करेगी। उसके बाद रिपोर्ट तैयार करेगी ।
जान दांव पर लगाने वाले साधु पर केस दर्ज
उधर भरतपुर में खोह थाना पुलिस ने साधु विजय दास और साधु नारायण दास के खिलाफ आत्महत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर लिया है । साधु विजय दास ने खुद को आग के हवाले कर दिया था। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है । वहीं साधु नारायणदास करीब 35 घंटे तक टावर पर चढ़े रहे और सुसाइड करने की धमकी देते रहे । दोनों साधु पर केस दर्ज करने का विरोध भी शुरू हो गया है। भरतपुर में आज दोपहर भाजपा के नेताओं और पुलिस में इस मामले को लेकर खींचतान भी हुई है।
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