
जयपुर ( jaipur). राजस्थान सीएम अशोक गहलोत, आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल, बीजेपी सांसद किरोडी लाल मीणा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलेट प्रदेश के दिग्गज नेता आपस में एक दूसरे की टांग खिचाई करते रहे और इस बीच राजस्थान के सबसे बड़े नकल कांड में बड़ा खेला हो गया। सीएम और अन्य नेता नकल कराने वालों को सख्त सजा दिलाने की बातें करते रह गए और इधर नकल कांड में पकडे गए आधे से ज्यादा लोगों को जमानत मिल गई वह भी सिर्फ 22 दिन में ही। पकडे गए 60 लोगों में से अब 33 बाहर आ चुके हैं। उन्हीं की आड़ में बाकि भी जल्द ही बाहर आ सकते हैं।
अभी तक नकल के आरोप में पकड़े जा चुके है 60 आरोपी
दरअसल 22 दिन पहले यानि पिछले साल दिसम्बर में सैकेंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का जनरल नॉलेज का पेपर चलती बस में लीक हो गया था। पेपर से ठीक पहले ही पेपर बाजार में आ गया था। इसकी सूचना पुलिस को मिली तो पूरे राजस्थान में सूचना जारी की गई। नौ बजे पेपर होना था, लेकिन साढे़ आठ बजे पेपर लीक की घोषणा कर दी गई। पेपर आउट होने के कारण इस रद्द कर दिया गया। उस दिन 45 लोग गिरफ्तार किए गए। इनमें अधिकतर छात्र थे। इन छात्रों को जेल भेज दिया गया। उसके बाद करीब पंद्रह और गिरफ्तार किए गए। इधर सीएम और अन्य अफसर आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की बात करते रहे और इधर मंगलवार को 33 आरोपी छात्रों को जमानत भी मिल गई। इनमें से अधिकतर छात्र जालोर और उदयपुर शहरों के हैं।
मुख्य आरोपी अभी तक फरार, उनकी तलाश में पड़े छापे, भवनों पर चले बुलडोजर
पहली बार नकल कराने वाले मास्टर माइंड के भवनों पर बुलडोजर चलाए गए हैं। मुख्य आरोपी भूपेन्द्र सारण और सुरेश ढाका के बंगलों और कोचिंग पर बुलडोजर चले हैं। परिवार के लोगों को अरेस्ट कर लिया गया है। लेकिन ये दोनो आरोपी फरार चल रहे हैं। मीडिया में चर्चा है कि इन आरोपियों ने भारत छोड़ दिया है और ये थाईलैंड में मौज मार रहे हैं।
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