बिछड़ने के बाद उम्मीद खो चुकी बहनों ने जब भाई को सामने देखा तो गले लगकर घंटों रोती रहीं, उत्तर प्रदेश से गायब हो गया था 34 साल का राकेश,चालीस का होने पर राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में मिला।
जयपुर.दिल को छू लेने वाला नजारा जोधपुर के हनुमानगढ़ में देखने को मिला जब 6 साल पहले उत्तर प्रदेश के औरया तहसील के टिकुरया बाग नगला पाठक से गुम हुए 5 बहनों के इकलौते भाई 40 वर्षीय मंदबुद्धि युवक राकेश पाल को राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की गोगामेडी थाना पुलिस ने उसके परिजनों से मिलाया। इतने साल बाद बिछड़े राकेश को देखकर परिजनों की आंखे भर आई। बहने भाई के गले लगकर घंटों रोती रहीं और उसे दुलार करती रहीं। पुलिसवालों के भी पैर छूकर उनको बार बार धन्यवाद दिया।
दो महीने से रेस्टोरेंट पर काम कर रहा था राकेश
हनुमानगढ़ एसपी अजय सिंह ने बताया कि 24 मई को परलीका निवासी गोविंद राम एक व्यक्ति को लेकर गोगामेड़ी थाने पर आया और बताया कि यह युवक थोड़ा मंदबुद्धि है। पिछले 2 माह से उनके रेस्टोरेंट पर काम कर रहा है। अपने घर के बारे में कुछ भी नहीं बता पा रहा है। इस पर थाना पुलिस द्वारा भी युवक से पूछताछ की गई तो वह कुछ नहीं बता पाया। उससे बातचीत की गई तो उसकी बोली से वह यूपी साइड का लगा।
पुलिसवाले उसे लेकर घूमते रहे, बसों में पूछताछ की, फिर टिप मिली
गुमशुदा व्यक्ति की बोली से उत्तर प्रदेश का होने का पता लगने पर थाने की कॉन्स्टेबल सतवीर एवं श्रवण कुमार उसे अपने साथ गोगाजी मंदिर की तरफ ले गए और उत्तर प्रदेश की तरफ से आने वाले यात्रियों से मिलाते रहे। बस चालकों से पूछा, प्राइवेट वाहन चालकों से भी बातचीत की। घंटों की मशक्कत के बाद एक व्यक्ति पुलिसवालों से टकराया। उसने बताया कि फफूद कस्बे में एक छोटा सा गांव टिकुरया बास है, यह व्यक्ति वहां का हो सकता है। इस सूचना पर दोनों कांस्टेबल ने वहां के प्रधान के नंबर लेकर उनसे संपर्क किया और युवक की फोटो और पहचान संबंधी जानकारी भेजी।
कुछ समय बाद प्रधान ने कॉल कर बताया कि इस युवक का नाम राकेश पाल पुत्र उजियारे लाल है और यह टिकुरिया बाग का रहने वाला है। इस पर युवक के परिजनों से बात की गई। बुधवार देर शाम राकेश के परिजन हनुमानगढ़ पहुंचे और वहां आकर पुलिस को फोन किया। पुलिस ने उन्हें थाने में बुलाया और उसके बाद राकेश को उसके परिजनों से मिलाकर परिजनों के हवाले कर दिया।