राजस्थान की राजनीति में होंगे बड़े बदलाव, आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों की छुट्टी होना तय, जानिए क्या है वजह

राजस्थान के जयपुर में मंत्रियों के खाली पड़े पदों पर नियुक्ति की आएगी बहार। सचिन पायलट को दी जाएगी बड़ी जिम्मेदारी। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री तैयार करेंगे नई टीम। इसकी चर्चा करने के लिए कांग्रेस की प्रमुख सोनिया गांधी से सीएम अशोक गहलोत करेंगे मुलाकात।

जयपुर. राजस्थान की राजनीति के लिए अगस्त का महीना बड़े परिवर्तन वाला हो सकता है। मुख्यमंत्री ने आलाकमान के निर्देश पर इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि अगले महीने छह मंत्रियों को बदला जा सकता है। यह मंत्रिमंडल बदलाव दो मुख्य आधार पर होना तय किया गया है, उनमें पहला आधार है परफारमेंस और दूसरा है जातिगत समीकरण। इन दोनों आधारों पर ही अब राजस्थान में अगले डेढ़ साल की राजनीति चलने वाली है। 

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डोटासरा को भी हुए 2 साल
राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी 2 साल का समय पूरा हो चुका है । हाल ही में डोटासरा ने 2 साल का समय पूरा होने के बाद अपने कार्यकाल को आगे बढ़ाने के मद्देनजर एक बड़ी जनसभा की थी।  हालांकि उसके बाद अभी तक मुख्यमंत्री की ओर से या आलाकमान की ओर से बदलाव के संकेत नहीं दिए गए हैं । लेकिन यह माना जा रहा है कि अगस्त के महीने में गोविंद सिंह डोटासरा को बदलने के बाद किसी बड़े नेता को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान दी जा सकती है। 2 साल के दौरान अपने भाषणों के चलते डोटासरा कई बार मीडिया के निशाने पर रह चुके हैं । 

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ब्लॉक स्तर से लेकर जिलों के अध्यक्षों तक को बदलने की तैयारी,  कई लिस्ट वेटिंग में
राजस्थान में ब्लॉक स्तर से लेकर जिलों के कांग्रेस अध्यक्ष तक के कई पद खाली पड़े हैं।  इन पदों को पहले भी भरने की कोशिश की गई, लेकिन स्थानीय नेताओं के असंतोष के कारण सूचियों पर आखिरी मुहर नहीं लग सकी । इस असंतोष को खत्म करने के लिए  मुख्यमंत्री ने अपने चुनिंदा मंत्रियों को जिम्मेदारी दी थी । बताया जा रहा है कि मंत्रियों ने यह जिम्मेदारी पूरी करते हुए आपसी खींचतान और तनातनी के माहौल को खत्म कर दिया है।  जो नाम फाइनल किए गए है वह सभी की सहमति से फाइनल  है।  इन लिस्टों के आधार पर ही अब ब्लॉक अध्यक्षों से लेकर जिलों के अध्यक्षों तक को बदला भी जाएगा और नए अध्यक्षों को जिम्मेदारियां भी दी जाएंगी । 

यूआईटी एवं अनेक बोर्डों में इसी महीने राजनीतिक नियुक्तियों की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है।  जिन सीनियर नेताओं को मंत्री पद की कुर्सी नहीं मिल पाएगी उन नेताओं को निगम एवं बोर्ड के अध्यक्षों के तौर पर राज्य मंत्री का जिम्मा दिया जाएगा। आपसी खींचतान और सभी पक्षों में सहमति नहीं बनने के कारण राजस्थान में ज्यादातर राजनीतिक पद कई समय से खाली ही पड़े हैं। संभावना जताई जा रही है कि 15 अगस्त से पहले राजस्थान के मंत्रिमंडल से लेकर राजस्थान में कांग्रेस के कई पदों पर नए चेहरे देखने को मिलेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अगले सप्ताह कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी के पास दिल्ली भी जाने की तैयारी कर रहे हैं।

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