नगर निगम (Jaipur Municipal council) ने सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए एक ऐप (Westbin Monitor App) लॉन्च किया है। इसके साथ ही सफाई व्यवस्था संभालने वाली प्राइवेट कंपनी (BVG Company) पर सख्ती बढ़ाई है। अब गूगल प्ले स्टोर से वेस्टबिन मॉनिटर ऐप डाउनलोड करें। वेस्ट इमेज ऑप्शन पर क्लिक करें और कचरे की फोटो डाल दें। 3 तरह के कचरे की फोटो भेज सकते हैं, स्टोरेज पॉइंट, डिपो और लिटरबिन की। कचरा उठते ही मैसेज मिल जाएगा।
जयपुर। कोरोनाकाल में एक बार फिर से राजधानी जयपुर (Jaipur Municipal council) में डोर टू डोर कचरा इकट्ठा करने की व्यवस्था दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। अधिकतर इलाकों में हूपर नहीं पहुंचने से तीन से चार दिनों का कचरा इकट्ठा हो रहा है। ऐसे में नगर निगम ने सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए बीवीजी कंपनी (BVG Company) पर सख्ती बढ़ा दी है। रविवार को निगम ने सफाई व्यवस्था के संबंध में कंप्लेन आने पर प्रति शिकायत 50 रुपए का जुर्माना का प्रावधान किया था। इसके बाद सोमवार को निगम ने एक मोबाइल ऐप लॉन्च (mobile app launch) कर दिया। इस ऐप्लिकेशन में लोगों को गंदगी की फोटो अपलोड करनी होगी, उसके बाद अगर बीवीजी ने 24 घंटे में कचरा नहीं उठाया या सफाई वाली फोटो ऐप पर नहीं डाली तो हर दिन 100 रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। नगर निगम का कहना है कि शहर में लोगों द्वारा गंदगी और कचरा ना उठाने की शिकायतें ज्यादा आ रही थीं।
नगर निगम ने यह ऐप ‘वेस्टबिन मॉनिटर’(Westbin Monitor App) नाम से तैयार किया है। जयपुर वासी इस ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद अपने इलाके में फैले कचरा, गंदगी की फोटो खींचकर इस ऐप पर अपलोड करना होगा, जिसके बाद 24 घंटे के भीतर बीवीजी कंपनी को वहां सफाई करनी होगी और उस जगह की सफाई होने की फोटो अपलोड करना होगी। अगर ऐसा नहीं किया गया तो फिर कंपनी से प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा।
ऐसे करें इस्तेमाल ऐप
गूगल प्ले स्टोर से वेस्टबिन मॉनिटर ऐप डाउनलोड करें। वेस्ट इमेज ऑप्शन पर क्लिक करें और अपने इलाके के कचरे की फोटो डाल दें। इसमें 3 तरह के कचरे की फोटो भेज सकते हैं- स्टोरेज पॉइंट, डिपो और लिटरबिन। कचरा उठाए जाने के बाद शिकायत कर्ता को मैसेज मिल जाएगा। वह वैरीफिकेशन कर सकता है।
कचरे की जानकारी प्राप्त करने में होगी सुविधा
इस ऐप के जरिए कचरे की जानकारी प्राप्त करने में सुविधा होगी और उसका निपटारा करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। ऐप्लिकेशन ने आम लोगों के लिए शिकायत मंच मोबाइल में ही उपलब्ध करा दिया है।
जयपुर की रैकिंग सुधरने के बजाय बिगड़ी
हाल ही स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में जयपुर की रैकिंग बेहतर होने की बजाय बिगड़ गई। इसके बावजूद जिम्मेदारों पर कोई असर नहीं दिख रहा था। ग्रेटर निगम महापौर शील धाभाई ने कहा कि जल्द पूरी व्यवस्था को सुधारने पर मंथन किया है। कंपनी पर पैनल्टी लगाने की तैयारी है। इधर, हूपर नहीं आने से वीवाआईपी कहे जाने वाले जेएलएन मार्ग समेत अन्य जगहों टोंक रोड, मानसरोवर, राजापार्क, मालवीयनगर, परकोटा, जगतपुरा समेत अन्य जगहों पर सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। अब लोग कचरा नुक्कड़ और चौराहों पर डाल रहे हैं। आमजन का कहना है कि चार से पांच दिन से हूपर नहीं आने से कचरा बदबू मार रहा है। कचरा संग्रहण व्यवस्था पूरी रह से ठप है। हर तीन से चार महीने में स्थिति बिगड़ने से सबसे ज्यादा परेशानी आमजन को हो रही है। नगर निगम को इस संबंध में आमजन की परेशानी का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही निजी कंपनी पर सख्ती करनी चाहिए। इससे एक बार फिर कचरा संग्रहण कंपनी की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
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