छात्र राजनीति के सबसे बड़े केंद्र राजस्थान विश्वविद्यालय में गुरुवार 18 अगस्त के दिन दंगल हो गया। प्रदेश में चुनाव से पहले ही कटा बवाल। मंत्री की बेटी निहारिका को टिकट नहीं मिलने से NSUI के विरोध में उतरे उन्हीं के समर्थक। बवाल के बाद भारी पुलिस फोर्स तैनात।
जयपुर. राजस्थान में छात्र राजनीति के सबसे बड़े केंद्र माने जाने वाले राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव से पहले ही बवाल हो गया। टिकट वितरण को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी कि एनएसयूआई दौसा जिले से मंत्री मुरारी लाल मीणा की बेटी निहारिका मीणा को टिकट दे सकती है, निहारिका ने अंदर खाने इसकी तैयारी भी कर ली थी लेकिन आज जब निहारिका मीणा का टिकट कटा और उसकी जगह रितु बराला को टिकट मिला तो हंगामा हो गया।
समर्थकों ने किया बवाल
निहारिका मीणा के समर्थकों ने बवाल काटा। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर चढ़ाई कर दी और एनएसयूआई के ही प्रदेश अध्यक्ष एवं एनएसयूआई के नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। माहौल इतना खराब हो गया कि निहारिका मीणा वहीं बैठ कर रोने लगी और अपने समर्थकों के साथ इस चुनाव के बहिष्कार तक की घोषणा कर दी। अचानक हुए इस बवाल के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय में अतिरिक्त पुलिस बंदोबस्त करना पड़ा। हथियारबंद जवान बुलाने पड़े। पुलिस ने कई छात्रों को हिरासत में ले लिया है।
NSUI ने दिया रितु बराला को टिकट
गौरतलब है कि एनएसयूआई की तरफ से औपचारिक घोषणा से पहले ही राहुल गांधी ने ट्वीट कर रितु बराला को राजस्थान विश्वविद्यालय से अपेक्स अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया है। प्रत्याशी रितु महारानी कॉलेज में भी छात्र संघ अध्यक्ष रह चुकी है, उसके बाद अब रितु ने राजस्थान विश्वविद्यालय से टिकट मांगा और एनएसयूआई ने उन्हें टिकट दे दिया।
एबीवीपी का प्रत्याशी चुनना बाकी
उधर एबीवीपी का टिकट अब फाइनल होना है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सामने यह चुनौती है कि जिन छात्रों में से एक को टिकट देना था वे छात्र आयु सीमा को पार कर चुके हैं, आयु सीमा को बढ़ाने के लिए उन्होंने राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की थी ,लेकिन हाई कोर्ट ने इस याचिका को निरस्त कर दिया। अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सामने किसी नए छात्रों को टिकट देने की बाध्यता बनती नजर आ रही है ।
शांतिपूर्ण चुनाव कराना प्रशासन के लिए चुनौती
उल्लेखनीय है कि राजस्थान विश्वविद्यालय में 2 साल बाद चुनाव हो रहे हैं। कोरोना का हाल के चलते 2 साल तक चुनाव रद्द कर दिए गए थे। अब चुनाव शुरू होते ही बवाल कटने लगा है। 26 अगस्त को होने वाले चुनाव से पहले 16 अगस्त को आचार संहिता लागू कर दी गई थी। 17 अगस्त को ही इस आचार संहिता का खुला उल्लंघन हुआ था। आज 18 अगस्त को भी आचार संहिता का उल्लंघन जारी रहा। राजस्थान विश्वविद्यालय और पुलिस प्रशासन के सामने अब राजस्थान विश्वविद्यालय में शांतिपूर्ण चुनाव चुनाव कराना चुनौती बना हुआ है।