झुंझुनू जिले की पुलिस ने बिसाऊ के गोगा मेडी महंत योगी रविनाथ को कन्हैया जैसा हाल करने की धमकी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। आोरपी महंत ने खुद सऊदी अरब से अपने चेले से यह धमकी दिलवाई थी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
झुंझुनू (राजस्थान). झुंझुनू की बिसाऊ थाना पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनमें एक झुंझुनू के गोगामेडी टीबा आश्रम का महंत योगी रविनाथ और दूसरा उसका चेला मनोज कुमार है। गिरफ्तार हुए महंत में चुनाव में एक धर्म के वोट पाने के लिए इस पूरी साजिश को रचा। साजिश के तहत ही उसने अपने सऊदी अरब में बैठे एक चेले चंद्रप्रकाश से खुद को कन्हैयालाल जैसा हाल करने की धमकी दिलवाई। पुलिस को बहकावे में लेने के लिए आरोपी फोन आने के बाद ही रात को ही पुलिस थाने के लिए पहुंच गया। लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पूरे मामले का पता चल पाया। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों से पूछताछ में जुटी है।
फोन कर कहा था-कन्हैयालाल की तरह तुम्हारा गला भी काट देंगे
बिसाऊ पुलिस ने बताया कि महंत योगी रविनाथ ने 9 अगस्त की रात को थाने में आकर शिकायत दी कि उसे रात 10:00 बजे एक इंटरनेशनल कॉल आया। जिसमें आसिफ नाम के एक व्यक्ति ने उसे जान से मारने की धमकी दी। आसिफ ने फोन पर उसे कहा कि ज्यादा बड़ा नेता मत बनो। वरना तुम्हारा हाल भी वही होगा जैसा उदयपुर में कन्हैयालाल टेलर का हुआ था। आसिफ ने फोन पर धमकी दी कि तुम्हारा गला काट देंगे। फोन पर आसिफ ने उन्हें 3 दिन में जान से मारने की धमकी भी दी। महंत योगी रविनाथ ने पुलिस सुरक्षा भी मांगी। जिसके बाद उसे पुलिस सुरक्षा भी दी गई। इसके बाद में जब पुलिस ने कॉल डिटेल निकलवाई तो उसमें रवि नाथ के चेले मनोज का नंबर मिला। इसके बाद से ही पुलिस को मामला संदिग्ध लगने लगा। इसके बाद जब पुलिस ने रविनाथ से पूछताछ की तो सामने आया कि रविनाथ लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहता था। ऐसे में उसने खुद को चेले में साथ मिलकर यह धमकी दिलवा दी। रवि नाथ का मानना था कि ऐसा करने से वह है सोशल मीडिया पर भी फेमस हो जाएगा और उसे हिंदू संत समाज में भी काफी सपोर्ट मिलेगा।
खुद के फटे कपड़े सड़क पर डालकर वह 3 दिन तक मंदिर में छुपा रहा
राजस्थान में यह पहला मामला नहीं है जब किसी महंत यहां साधु ने खुद ही साजिश रची हो। इससे पहले हाल ही में जालौर इलाके में एक महंत ने खुद के अपहरण होने का फर्जी नाटक किया। गाड़ी के शीशे तोड़कर और खुद के फटे कपड़े सड़क पर डालकर वह 3 दिन तक एक मंदिर में छुपा रहा। जिसके बाद खुद पुलिस थाने पहुंचा और बताया कि मैं अपन कर लिया गया था जिसके बाद मुझे बदमाश छोड़ कर चले गए थे। लेकिन जब पुलिस ने पूछताछ की तो पूरे षडयंत्र का पता चला। विशेषज्ञों की माने तो यह साधु संत खुद को बचाने के लिए या आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऐसे घिनौने काम करते हैं।