राजस्थान में कड़ाके की ठंड में धरने पर बैठी ये महिला अफसर, बोलीं-कोई मेरी नहीं सुन रहा..मजबूर हूं..

रसद विभाग की प्रवर्तन अधिकारी अनामिका ने अपने खिलाफ चल रही जांच समेत अनेक मामलों में कई सालों से निस्तारण नहीं होने से परेशान होने के बाद सोमवार से ही कड़ाके की ठंड में कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठी हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 22, 2020 2:55 PM IST

झुंझुनूं. राजस्थान में रसद विभाग के प्रवर्तन अधिकारी अनामिका कलेक्टर ऑफिस के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गई हैं। उन्होंने राज्य के प्रशासनिक अफसरों की नकारात्मकता, अन्याय पूर्ण और भेदभाव की कार्यशैली के चलते यह कदम उठाया है।

दो दिन से बैठी हैं धरने पर...
दरअसल, रसद विभाग की प्रवर्तन अधिकारी अनामिका ने अपने खिलाफ चल रही जांच समेत अनेक मामलों में कई सालों से निस्तारण नहीं होने से परेशान होने के बाद सोमवार से ही कड़ाके की ठंड में कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठी हैं।

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तीन साल से चल रहे मामलों की नहीं हुई सुनवाई
मीडिया से बात करते हुए अनामिका ने बताया कि तीन साल पहले उस समय के जिला परिषद एसीईओ और कार्यवाहक रसद अधिकारी रामरतन सौकरिया ने डीलरों का डेटा ऑनलाइन समय पर फीड नहीं करने के मामले मुझे पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए कई आरोप लगाए थे। जिसको लेकर मैंने प्रमुख शासन सचिव, रसद विभाग के शासन सचिव, कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव को उनके खिलाफ की गई जांच की रिपोर्ट देने के लिए कई पत्र लिखे, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। 

आज तक नहीं मिला बकाया वेतन...
महिला अधिकारी अनामिका ने बताया कि रावतसर में रहते हुए उस दौरान के एसडीएम अवि शर्मा ने ऑफिस में उपस्थिति होने के बावजूद भी रजिस्टर में लीव वा क्रॉस लगा दिया। जिसके बाद कलेक्टर ने तीन अफसरों को इस मामले की जांच के लिए नियुक्त किया। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक प्रदेश के सीएम और राज्य के प्रमुख सचिव को पत्र भी लिखा, पर कोई  जवाब नहीं आया। इतना ही नहीं उस समय से लेकर अब तक वेतन वृद्धि, बकाया वेतन का भुगतान भी आज तक नहीं मिला। इसलिए मजबूर होकर ऐसा कदम उठाना पड़ा।
 

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