पीठ पर धंसी कुल्हाड़ के साथ रंभाती हुई गांव पहुंची घायल गाय, देखकर लोगों के होश उड़ गए

यह तस्वीर किसी इंसान के 'जानवर' बनने की कहानी कहती है। मामला जोधपुर जिले के ओसियां कस्बे से सटे खेतासर गांव का है। यहां किसी शख्स ने गाय को कुल्हाड़ी मारकर घायल कर दिया। पीठ में धंसी कुल्हाड़ी के साथ गाय रंभाते हुए गांव पहुंची। जब लोगों की नजर उस पर पड़ी, तो उनके होश उड़ गए। तुरंत गाय का उपचार कराया गया। इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई। इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश देखा गया।

Asianet News Hindi | Published : Aug 11, 2020 5:44 AM IST

जोधपुर, राजस्थान. यह तस्वीर किसी इंसान के 'जानवर' बनने की कहानी कहती है। मामला जोधपुर जिले के ओसियां कस्बे से सटे खेतासर गांव का है। यहां किसी शख्स ने गाय को कुल्हाड़ी मारकर घायल कर दिया। पीठ में धंसी कुल्हाड़ी के साथ गाय रंभाते हुए गांव पहुंची। जब लोगों की नजर उस पर पड़ी, तो उनके होश उड़ गए। तुरंत गाय का उपचार कराया गया। इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई। इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश देखा गया।

मामला रविवार शाम का है। सोमवार को गांव के लोग गाय के पैरों के निशान के आधार पर आरोपी की तलाश में जुटे। इससे पहले मौके पर पहुंची पशु चिकित्सकों की टीम ने गाय का उपचार किया। गाय को पंचायत भवन के पास गोशाला में रखा गया है। मौके पर पहुंचे एसडीएम रतनलाल रेगर और पुलिस अधिकारियों ने जांच-पड़ताल की। पुलिस आरोपी को तलाश रही है। आगे पढ़ें विकलांग गाय को देखकर इमोशनल हुआ फार्मासिस्ट, ठान लिया था कि गोमाता को उसने पैरों पर खड़ा करके रहेगा


अब चल-फिर सकेगी गाय...
यह मामला महाराष्ट्र के पुणे का है। इंसान हों या जानवर, शारीरिक विकलांगता सबके जीवनयापन में दिक्कत पैदा करती है। इस गाय का एक अगला पैर घुटने के नीचे से कटा हुआ था। गोशाला में रहने वाली यह गाय तीन पैरों पर लड़खड़ाते हुए चलकर जैसे-तैसे अपने चारे-पानी तक पहुंच पाती थी। किसी दिन गोशाला में एक फार्मासिस्ट का आना हुआ। उसने गाय को देखा, तो भावुक हो उठा। अंतत: उसने गाय को कृत्रिम पैर लगवा दिया। अब यह गाय ठीक से चल पा रही है। हालांकि उसे कृत्रिम पैर का आदी होने में महीनेभर लगेंगे।

गाय को खड़े देखकर भावुक हुई टीम...
अमर जगताप एक फार्मासिस्ट हैं। एक दिन वे पुणे-सोलापुर स्थित एक गोशाल गए थे। यहां उन्हें यह गाय दिखी। एक पैर नहीं होने से वो अकसर बैठी रहती थी। विकलांग गाय को देखकर जगताप इमोशनल हो गए। उन्हेांने संचेती अस्पताल से संपर्क किया। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और अब अस्पताल के डॉ.सलिल जैन के नेतृत्व में एक टीम ने गाय को कृत्रिम पैर लगाया। जैसे ही गाय कृत्रिम पैर की मदद से खड़ी हुई, यह देखकर टीम भावुक हो गई।

बच्चों की तरह करनी होगी देखभाल...
डॉ. सलिल जैन ने बताया कि गाय की अभी किसी बच्चे की तरह देखभाल करनी होगी। उसे कृत्रिम पैर का आदी होने में महीनाभर लगेगा। इसके बाद वो आसानी से चल-फिर सकेगी।

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