ईद के मौके पर ईदगाह पर नमाज अदा की जाती है। चौराहे तक लोग बैठकर इबादत करते हैं। सोमवार रात जालोरी गेट पर बड़े झंडे और बैनर के साथ लाउडस्पीकर लगाए गए थे। इसके विरोध का बाद से ही बवाल बढ़ा। देखते ही देखते हिंसा की आग में पूरा शहर जलने लगा। जिसके बाद पुलिस बल ने मोर्चा संभाला।
जोधपुर : राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) में हिंसा के बाद की सुबह बिल्कुल अलग दिखाई दे रही है। 10 से भी ज्यादा थाना क्षेत्रों के हजारों लोग घरों में कैद हैं उनको बाहर देखने तक की परमिशन नहीं है। छतों और गलियों पर पुलिस तैनात हैं और उप्रदव की संभावना वाले क्षेत्रों को तो पुलिस ने छावनी बना दिया है। इन छावनियों को खुद पुलिस अफसर लीड कर रहे हैं। पुलिस अफसरों ने देर रात जिले में गश्त की और उसके बाद उन लोगों की तलाश शुरू कर दी गई जो दंगा और उपद्रव फैला रहे थे। इनकी संख्या सैंकड़ों में हैं।
दस थाना इलाकों में कर्फ्यू
जोधपुर कमिश्नरेट के उदयमंदिर, सदर कोतवाली, सदर बाजार, नागौर गेटी, खांडा फलसा, प्रताप नगर, प्रताप नगर सदर , देव नगर, सूरसागर और सरदारपुरा थाना क्षेत्र में बुधवार रात 12 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है। कर्फ्यू में ढील को फिलहाल अफसरों का यही कहना है कि आज ढील देने की संभावना बेहद कम है। कर्फ्यू कल भी जारी रह सकता है और उसके बाद प्रभावित क्षेत्रों में तीन से पांच घंटे की ढील दी जा सकती है। शुक्रवार तक कर्फ्यू जारी रखने की तैयारियां की जा रही है।
सिर्फ ये ही निकल सकते हैं बाहर
कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में बुधवार सुबह अतिरिक्त पुलिस लगानी पड़ गई। कारण था कि सुबह-सुबह अचानक आवाजाही बढ़ गई थी। दरअसल कर्फ्यू में कुछ विशेष लोगों को छूट दी गई है। इनमें परीक्षाएं दे रहे स्कूल और कॉलेज छात्र, , शिक्षक, परीक्षा कार्य में लगे स्टॅाफ, चिकित्सकीय आपातकाल, चिकित्सा सेवा से संबंधित कर्मी, बैंककर्मी, न्यायिक सेवाओं से संबंधित पदाधिकारी, कर्मचारी और मीडियाकर्मी शामिल हैं। इन्हें परिचय पत्र दिखाकर आने जाने की अनुमति हैं। लेकिन उसके बाद भी कर्फ्यू से संबधित गाइडलाइन की पालना जरुरी करनी होगी।
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