सार

इस हिंसा पर अब राजनीति भी जोरों पर है। भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जुबानी हमला तेज है। वहीं, इस पूरे घटनाक्रम के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी रिपोर्ट मांग ली है । पुलिस-प्रशासन भी हर स्थिति से निपटने कमर कस ली है।

जोधपुर : राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) में हुए बवाल के बाद पुलिस मुख्यालय के सीनियर IPS अफसरों ने कैंप शुरू कर दिया है। मंगलवार शाम को जोधपुर पहुंचे अधिकारियों ने लोकल पुलिस के साथ मिलकर पूरी रात प्रभावित इलाकों का दौरा किया और उसके बाद वहां पर हुए बवाल के बारे में पूरी जानकारी ली। पुलिस अफसरों को 40 से भी ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग सौंपी गई है और इन्हीं रिकॉर्डिंग के आधार पर अब आज से उन उपद्रवियों को पकड़ने की तैयारी शुरू कर दी गई है, जो उपद्रवी पुलिस को इन कैमरों में दिख रहे हैं। इनके खिलाफ सख्त धाराओं में केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। 

अब तक 250 के खिलाफ FIR, 97 अरेस्ट
एडीजी कानून व्यवस्था हवा सिंह घुमारिया ने बताया कि थानों की अधिकतर टीम फील्ड में है। जिन जगहों पर कर्फ्यू लगाया गया है वहां पर एक हजार पुलिस बल अतिरिक्त लगाया गया है। अब तक 250 लोगों पर FIR दर्ज की जा चुकी है और इनमें से 95 को पकड़ा भी जा चुका है। FIR में मुस्लिम समाज से जुड़े लोगों की संख्या ज्यादा बताई जा रही है। उधर, इस बवाल के बाद 50 से भी ज्यादा लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है। इनमें पुलिस और लोकल लोग शामिल हैं। 

हिंसा में लाखों का नुकसान
पुलिस अफसरों का कहना है कि देर रात से दोपहर तक दो से तीन बार में हुए बवाल के दौरान 20 से ज्यादा वाहनों में तोड़फोड़ कर दी गई है। इनमें चार दुपहिया भी शामिल हैं। कई दुकानों के बाहर लगे सीसीटीवी नष्ट कर दिए गए हैं और कई जगहों पर तो घरों और दुकानों के शीशे फोड़ दिए गए हैं। इनके अलावा एटीएम में घुसकर लूटपाट की कोशिशें भी की गई हैं। इसी के चलते करीब सात एटीएम क्षतिग्रस्त मिले हैं। संबधित बैंक प्रबंधन से बातचीत कर इन्हें सही कराया जा रहा है।

जोधपुर बवाल के पीछे की वजह
ईद के मौके पर ईदगाह पर नमाज अदा की जाती है। जिसकी दूरी जालोरी गेट से कुछ ही कदमों पर है। नमाज के दौरान जब नमाजी इकट्ठा होते हैं तो चौराहे तक लोग बैठकर इबादत करते हैं। सोमवार रात इसकी तैयारियां चल रही थी। जालोरी गेट पर बड़े झंडे और बैनर के साथ लाउडस्पीकर लगाए गए थे। जब इसका विरोध शुरू हुआ तो बवाल बढ़ गया। देखते ही देखते हिंसा की आग में पूरा शहर जलने लगा। जिसके बाद पुलिस बल ने मोर्चा संभाला।

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