राजस्थान के सीकर में बड़ा हादसा: माइंस की खुदाई के दौरान पहाड़ गिरा, कई मजदूर दबे, दो शव बरामद

माइंस में हादसा रात करीब 11 बजे हुआ। जहां कुछ मजदूर खुदाई का काम कर रहे थे। दो डंपर, एक कैंपर व एक ड्रिल मशीन से ये काम चल रहा था। इसी दौरान अचानक पहाड़ों में कंपन हुआ। मजदूर कुछ समझ पाते तब तक पहाड़ दरककर नीचे  गिर गया।

Pawan Tiwari | Published : Jul 3, 2022 4:12 AM IST

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले के पाटन थाना इलाके के रैला गांव में शनिवार देर रात एक माइंस में पहाड़ खिसक कर गिरने से उसके नीचे कई मजूदर दब गए। दो के शव बाहर निकाले जा चुके हैं। जिनमें से एक की पहचान दलपतपुरा निवासी सुभाष गुर्जर पुत्र दलपतपुरा के रूप में हुई है। दूसरा शव पूरी तरह क्षत विक्षत होने के कारण शिनाख्त करना मुश्किल हो गया है। बाकी मजदूरों को बचाने के लिए अभियान लगातार जारी है। हादसा रात करीब 11 बजे हुआ। पहाड़ के नीचे दो डंपर, एक कैंपर व एक ड्रिल मशीन भी दब गई। सूचना पर पहुंची पुलिस व प्रशासन की टीम मौके पर जुटी। 

एक घंटे बाद मिला शव, क्षत विक्षत होने पर शिनाख्त नहीं
जानकारी के अनुसार माइंस में हादसा रात करीब 11 बजे हुआ। जहां कुछ मजदूर खुदाई का काम कर रहे थे। दो डंपर, एक कैंपर व एक ड्रिल मशीन से ये काम चल रहा था। इसी दौरान अचानक पहाड़ों में कंपन हुआ। मजदूर कुछ समझ पाते तब तक पहाड़ दरककर नीचे  गिर गया। ऐसे में बड़ी बड़ी चट्टानों के नीचे मजदूर उपकरण सहित दब गए। सूचना पर नीमकाथाना एसडीएम  बृजेश कुमार गुप्ता व पाटन थाना अधिकारी बृजेश सिंह पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। जिन्होंने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद एक मजदूर का शव निकाला जा सका। जो पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने की वजह से शिनाख्त नहीं हो पाई। इसके बाद अंधेरे के साथ बढ़ते खतरे के बीच अभियान को एकबारगी रोक दिया गया। बाद में करीब आधे घंटे बाद फिर शुरू किया। जिसमें बचाव दल को अल सुबह  फिर एक शव मिला। जिसकी पहचान सुभाष के रूप में हुई।

20 से ज्यादा खदानें करवाई खाली, मौके पर जुटी भीड़
घटना के बाद प्रशासन की टीम ने रैला में चल रही करीब 20 से ज्यादा खदानों को खाली करवाया। जहां से मशीनों व मजदूरों को  बाहर निकाला गया। घटना की सूचना पर मौके पर काफी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ भी जुट गई। जिन्हें भी माइंस से दूर रहने की हिदायत दी गई। 

मजदूरों की संख्या पता नहीं
घटना के दौरान माइंस में कितने मजदूर काम कर रहे थे इसकी संख्या  पता नहीं है। एसडीएम ने बताया कि माइंस में कई शिफ्टों में काम होता था। ऐसे में रात की शिफ्ट में कितने लोग थे इसका पता नहीं चल पा रहा है। फिलहाल बचाव अभियान जारी है।

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