सीकर में तीसरे दिन बारिश के साथ हर्ष पर्वत पर हुई लैंडस्लाइड, लुढ़कते हुए सड़क पर गिरी भारी भरकम चट्टानें

राजस्थान के सीकर में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण वहां के पर्यटन स्थल हर्ष पर्वत पर लैंडस्लाइडिंग के कारण चट्टाने सड़को पर गिर गई। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने उनका वहां आना जाना रोक दिया  है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Jul 2, 2022 12:49 PM IST / Updated: Jul 02 2022, 06:22 PM IST

सीकर ( sikar). राजस्थान के सीकर जिले में बरसात का दौर शनिवार को शामिल करते हुए लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। सुबह से ही जिले के अलग अलग इलाकों में शुरू हुई बारिश कहीं हल्की तो कहीं मध्यम गति से बरस रही है। इस  बीच सीकर के पर्यटन स्थल हर्ष पर बड़ा हादसा टल गया। यहां बारिश के दौरान ही लैंड स्लाइडिंग होने से पहाड़ जगह- जगह से टूट गया। जिसकी भारी भरकम चट्टाने ऊपर से लुढ़कती हुई सड़क तक पहुंच गई। गनीमत ये रही की उस समय वहां से कोई पर्यटक नहीं गुजरा और उसकी चपेट में नहीं आया। वरना बड़ा हादसा हो सकता था।

प्रशासन की टीम पहुंची, लगाई आने  जाने पर रोक
लैंडस्लाइडिंग से नजदीकी लोगों में दहशत का माहौल हो गया। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना प्रशासन को दी। जिसके बाद सीकर तहसीलदार अम्मीलाल मीणा व पुलिस मौके पर पहुंची। पूरे रास्ते का मौका मुआयना करने के बाद उन्होंने रास्ते से पत्थरों को हटाने की कार्रवाई शुरू करवाई। लैंड स्लाइडिंग के खतरे को देखते हुए आमजन की आवाजाही पर रोक भी लगा दी गई। तहसीलदार मीणा ने बताया कि हर्ष पर नई सड़क के निर्माण के दौरान रास्ते के चौड़ाईकरण के लिए निचला हिस्सा ही तोड़ा गया। जिससे पहाड़ खोखले हो गए। 

साढ़े पांच करोड़ की लागत से बनी थी सड़क, लैंड स्लाइडिंग की वजह से टूटी
पर्यटन स्थल हर्ष पर्वत पर हाल ही में साढ़े पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से करीब 12 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गर्ई थी। जिसमें बाउंड्री वॉल भी शामिल थी। पर बारिश के कारण हुई लैंड स्लाइडिंग से पहाड़ों से टूट कर कई चट्टाने सड़क पर गिर गई। इसकी वजह से नई बनी रोड कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गई। 

आस्था व पर्यटक का केंद्र है हर्ष
हर्ष पर्वत आस्था व पर्यटन का बड़ा केंद्र है। जहां करीब  1100 साल पुराना हर्षनाथ भैरव व पंचमुखी शिव मंदिर है। शेखावाटी के एकमात्र पर्वतीय पर्यटक स्थल पर रोजाना सैंकड़ों लोग पर्यटन के लिए पहुंचते हैं। बारिश के मौमस में तो पिकनिक के लिहाज से लोगों की आवाजाही खासतौर पर बढ़ जाती है।
 

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