
नई दिल्ली: राजस्थान और मध्य प्रदेश के महिला आयोगों में 2018 से प्रमुखों एवं सदस्यों के पद खाली पड़े हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने यह जानकारी दी है। राज्य महिला आयोग महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की शिकायतों के निपटान में अहम भूमिका निभाते हैं।
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि उन्होंने राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को पत्र भी लिखे हैं लेकिन अब तक न तो नये प्रमुखों की और न ही आयोग के सदस्यों का चयन किया गया है।
महिला कानून में निभाते हैं अहम भूमिका
‘पीटीआई-भाषा’ को प्राप्त हुए पत्रों की प्रति के मुताबिक शर्मा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कहा है कि यह, “देखना चिंताजनक है कि राज्य महिला आयोग का नये सिरे से गठन नहीं हुआ है।”
शर्मा ने इन पत्रों में कहा, “राज्य महिला आयोग समाज में महिलाओं के दर्जे एवं गरिमा को सुधारने, महिलाओं के लिए अपमानजनक प्रचलनों की जांच करने और उचित सुधारात्मक कदमों का सुझाव देने तथा महिलाओं से संबंधित कानूनों के क्रियान्वयन की प्रभावी निगरानी करने में अहम भूमिका निभाते हैं।”
सदस्य नियुक्त करने का किया आग्रह
उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग समाज में महिला के दर्जे एवं गरिमा को सुधारने एवं उत्थान से संबंधित सभी मामलों में सरकार को सुझाव भी देते हैं। शर्मा ने दोनों मुख्यमंत्रियों से दोनों राज्यों के राज्य आयोगों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को तेज करने और राज्यों की महिलाओं के हित में आयोग के प्रमुख एवं अन्य सदस्य नियुक्त करने का भी आग्रह किया है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
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