वाह राजस्थान! राजू ठेहट के हत्यारों की गोली का शिकार हुए ताराचंद की बेटी के लिए दिल खोलकर मदद

राजस्थान के सीकर में हुए गैंगस्टर गोलीकांड में गफलत का शिकार हो जान गवाने वाले नागौर निवासी ताराचंद की बेटी के लिए जो कि जिले की कोचिंग में पढ़ने आई थी उसकी जनता दिल खोलकर मदद कर रही है। उसकी इतनी सहायता की गई की पलभर में लखपति बना दिया गया। अभी भी आ रहे है रुपए।
 

Sanjay Chaturvedi | Published : Dec 5, 2022 8:58 AM IST / Updated: Dec 05 2022, 04:38 PM IST

नागौर ( nagaur). नागौर में रहने वाले ताराचंद कडवासरा शनिवार को बदमाशों की गोली का शिकार (victim of goons firing) हो गए। ताराचंद नागौर के रहने वाले थे और सीकर में अपनी बेटी कोमिता कडवासरा की हॉस्टल फीस जमा कराने के लिए आए थे। इस दौरान सीकर में जिस गली में कोमिता और ताराचंद मौजूद थे उसी गली में रहने वाले राजू ठेहट की हत्या कर दी गई थी। राजू की हत्या के बाद भाग रहे हत्यारों ने गफलत में ताराचंद को भी गोली मार दी थी। ताराचंद ने अपनी बेटी कोमिता के हाथ में ही दम तोड़ दिया था। इस घटना के बाद अब सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से लोगों ने कोमिता की मदद करना शुरु कर दिया है। कोमिता को पल भर में ही लखपति बनाया जा चुका है। कोमिता के खातों में आज सवेरे तक करीब 12 लाख रुपए जमा करा दिए गए थे। 

बेटियों की पढ़ाई को बेच दिए थे खेत, गोलीकांड ने ले ली जान
दरअसल कोमिता की दो और बहनें एवं एक भाई भी है। सभी जयपुर, सीकर और नागौर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। कोमिता के पिता ताराचंद ने बेटियों की पढ़ाई के लिए अपने करीब 27 बीघा खेत बेच दिए थे और दूसरे के खेत में काम कर रहे थे ताकि बेटियों को पढ़ाया लिखाया और काबिल बनाया जा सके। उनके  बच्चे भी होशियार है। कोमिता सीकर में एक नामी संस्थान में पढ़ रही है जो एमबीबीएस की तैयारी कराते हैं। लेकिन कोमिता के सामने ही उसके पिता की इस तरह से हत्या कर दी गई।

लोगों ने मदद कर बना दिया लखपति, ताकि पढ़ाई जारी रख पूरा करे सपना
इस घटना के  बाद लोगों ने मदद करना शुरु किया तो कोमिता को लखपति बना दिया। एमएलए, एमपी समेत कई बड़े कारोबारियों ने रुपए दान करना शुरु कर दिया है। इनमें छात्र नेता निर्मल चौधरी भी शामिल हैं। निर्मल के अलावा विधायक हरीश चौधरी और मुकेश भांकर ने भी रुपए मदद के तौर पर खातों में भेजे हैं। राजस्थान के अलावा पंबाज और हरियाणा से भी मदद मिल रही है। लाखों आने के बाद भी खाते में रुपए आना बंद नहीं हुए है।

उल्लेखनीय है कि इसी तरह से पिछले दिनों बाड़मेर में सात बेटियों और एक बेटे के माता पिता की भी हादसे में मौत हो गई थी। जनता ने मदद करने के नाम पर तीन दिन में ही ढाई करोड रुपए जमा कर लिए थे।

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