नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने गुरुवार 10 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की। इन राज्यों में दिल्ली, यूपी, केरल, तेलांगना, कर्नाटक , राजस्थान समेत अन्य राज्य शामिल है। यह पहली बार है कि इस संगठन पर इतनी बड़ी रेड हुई है।
जयपुर. एनआईए यानि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी और ईडी पहली बार मुस्लिम संगठन पीएफआई पर सबसे बड़ी रेड की है। कल देर रात से शुरु यह रेड देश के दस राज्यों में होना बताया जा रहा हैं। इन राज्यों में दिल्ली, यूपी, केरल, तेलांगना, कर्नाटक , राजस्थान समेत अन्य राज्य शामिल है। यह पहली बार है कि इस संगठन पर इतनी बड़ी रेड हुई है। रेड पूरी तरह से गोपनीय है। लोकल पुलिस को इस पूरे घटनाक्रम से दूर रखा गया है। जयपुर में प्रदेश स्तरीय कार्यालय पर छापेमारी के दौरान सड़के बंद कर दी गई है। कार्यालय से लोकल पुलिस को करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर इंतजार करने के लिए कहा गया है।
राजस्थान में 15 लोगों को हिरासत में लिया गया
राजस्थान में भी पहली बार इस संगठन पर इतनी बड़ी रेड की गई है। बड़ी बात ये है कि सुरक्षा एजेंसियां अपने साथ सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ की टुकड़ियां लाई है। देश भर से कल रात से आज सवेरे तक करीब सौ से भी ज्यादा लोगों को हिरासत में लेने की खबर हैं। राजस्थान से करीब पंद्रह लोगों को हिरासत में लिया गया है। हांलाकि इस बारे में फिलहाल किसी तरह का खुलासा नहीं किया गया है।
जयपुर , कोटा, बांरा, अजमेर समेत पांच शहरों में एक साथ कार्रवाई
जयपुर में पुराने शहर में स्थित मुस्लिम बहुल इलाके में एमडी रोड पर पीएफआई का कार्यालय बना हुआ हैं। यह प्रदेश स्तरीय कार्यालय एक गली में है। जिसमें आने आने के कई रास्ते हैं। बताया जा रहा है कि आज गली को चारों ओर घेरकर एएनआई के अफसर वहां पहुंचे और कई लोगों को हिरासत में लिया। माहौल खराब नहीं हो इसके लिए पहले ही सीआरपीएफ की टीमें तैनात कर दी गई थीं। आधे किलोमीटर के एरिया को सीआरपीएफ ने घेर रखा है। उसके बाद लोकल पुलिस को लगाया गया है। एमडी रोड को सवेरे से ब्लाक कर दिया गया है। जयपुर के अलावा कोटा, बांरा और अजमेर एवं उदयपुर में भी रेड की गई है।
यह संगठन मुस्लिमों का मसीहा कहता...लेकिन सच्चाई हैरान करने वाली
इस रेड के बारे में लोकल पुलिस को कोई ज्यादा जानकारी नहीं दी गई हैं। उल्लेखनीय है कि पीएफआई संगठन की स्थापना साल 2006 में हुई थी। देखते ही देखते इसने देश के 24 राज्यों में अपनी पैंठ बना ली है। सबसे बड़ी बात ये है कि यह संगठन मुस्लिमों का भला करने वाला खुद को बताता है, लेकिन संगठन की गतिविधियां हमेशा से ही संदिग्ध रहीं हैं।