थाने में बंद बजरंग बली को न्याय दिलाने सड़कों पर उतरे लोग, कहा- उन्हें तुंरत वापस उनके स्थान पर पहुंचाया जाए

भरतपुर के सेवर थाने के बाहर बड़ी संख्या में भक्त हनुमान जी को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतरे हैं। वो थाने के बाहर धरना दे रहे हैं। इनकी मांग है कि हनुमान जी को जहां थे, वहीं विराजमान किया जाए। जब तक मूर्ति नहीं मिलेगी, थाने से नहीं हटेंगे। 
 

भरतपुर(Rajasthan). आम तौर पर थाने में किसी अपराधी को बंद होते तो कई बार देखा गया होगा लेकिन राजस्थान के भरतपुर थाने में खुद बजरंग बली बंद हैं। ये सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगेगा लेकिन है ये सौ फीसदी सच। भरतपुर के सेवर थाने के बाहर बड़ी संख्या में भक्त हनुमान जी को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतरे हैं। वो थाने के बाहर धरना दे रहे हैं। इनकी मांग है कि हनुमान जी को जहां थे, वहीं विराजमान किया जाए। जब तक मूर्ति नहीं मिलेगी, थाने से नहीं हटेंगे। 

दरअसल शनिवार रात 10 बजे पदम विहार कॉलोनी से सेवर थाने की पुलिस हनुमान जी की स्थापना की गई मूर्ति को क्रेन से उठवाकर थाने ले आई थी। रात में बजरंग बली की प्रतिमा को रेत के ढेर पर डाल दिया गया। इसके बाद लोगों का आक्रोश भड़क गया। लोगों का कहना है कि पुलिस जिस जगह से हनुमान जी की मूर्ति उठा कर लाई थी, वो जमीन वहां के एक स्थानीय नागरिक कीर्ति पाल सिंह की है। लोगों का कहना है कि पुलिस ने किसी के कहने पर हनुमान की मूर्ति चबूतरे से लाकर थाने में रख दिया है। हनुमान जी को वापस उसी स्थान पर स्थापित करने के लिए लोग थाने के बाहर धरना दे रहे हैं।

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मूर्ति स्थल को विवादित बताकर थाने मूर्ति लाई पुलिस  
मूर्ति पुलिस द्वारा ले जाने के अगले दिन ही सुबह 9 बजे कॉलोनी के लोग उस जगह के वास्तविक मालिक कीर्ति पाल सिंह के पास पहुंचे। जमीन के मालिकाना हक की जानकारी ली। साथ ही कहा कि मूर्ति उसी जगह फिर से स्थापित की जाए। जमीन के मालिक कीर्ति पाल सिंह का कहना है कि उसके पुरखों ने चबूतरा बनवाकर भैरव स्थापना कराई थी। बाद में किसी ने उसे दूसरे धर्म के रंग में रंग दिया। लेकिन वहां हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की गई है जो वहां रहनी चाहिए, इससे मुझे कोई ऐतराज नहीं है। पुलिस को लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मूर्ति को वापस उसी जगह स्थापित करवाना चाहिए। 

जिले में पानी की किल्लत दूर करने के लिए स्थापित की गई थी भैरव बाबा की मूर्ति
पदम विहार कॉलोनी के रहने वाले कीर्ति पाल सिंह ने बताया कि उसके पूर्वजों की खातेदारी की जमीन पर एक भैरव चबूतरा बना हुआ था। यह चबूतरा उनके परिजनों ने ही बनवाया था। जमीन उनके पूर्वज बाबा पदम सिंह के नाम पर है। कीर्ति पाल सिंह ने बताया कि पदम विहार कॉलोनी में उनके काफी खेत थे। यहां पूर्वज खेती किया करते थे। भरतपुर जिले में शुरू से ही पानी की किल्लत रही है। पानी की किल्लत न हो इसके लिए पूर्वजों ने बोरिंग करवाकर वहां पास में भैरव बाबा की मूर्ति स्थापना की थी। पूर्वजों की आस्था थी कि भैरव की प्रतिमा स्थापित करने से पानी की कमी नहीं रहेगी और पानी मीठा रहेगा। लेकिन बाद में कुछ लोगों ने चबूतरे को एक धर्म विशेष के प्रतीक वाले रंग में रंग दिया। तब से यहां विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। अब वहां हनुमान की मूर्ति स्थापित है, जिसे वैसे ही रहना चाहिए। 

भारी पुलिस बल तैनात 
हनुमान जी की मूर्ति शनिवार सुबह पूजा पाठ के बाद एक विवादित चबूतरे पर स्थापित की गई थी। किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना देकर कहा था कि चबूतरा विवादित है। अब उसकी जगह हनुमान प्रतिमा रख दी गई है। सूचना पर सेवर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और भगवान हनुमान की मूर्ति उठा लाई। जब इस बारे में लोगों और हिन्दू संगठनों का पता लगा तो वे सेवर थाने पर पहुंच गए और धरना देकर हनुमान चालीसा पढ़ने लगे। साथ ही मांग रखी कि उन्हें भगवान हनुमान की मूर्ति वापस दी जाए। सीओ ग्रामीण ब्रजेश ज्योति उपाध्याय ने कहा कि हनुमान मूर्ति की डिमांड की जा रही है। पहले जांच कर रहे हैं। सबकी बातें सुन समझ ली हैं। जल्द हल निकालेंगे। 

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