लग्जरी कार को पुलिस ने रोका तो नजारा देख उड़े होश, अंदर कचरे की तरह बोरियों में भरे थे नोट

राजस्थान में गुजरात चुनाव से पहले चित्तौड़गढ़ जिले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस ने यहां नाकाबंदी कर एक गाड़ी से करीब ढाई करोड़ रुपए का कैश बरामद किया है। 

Ujjwal Singh | Published : Nov 16, 2022 4:20 AM IST

चित्तौड़गढ़(Rajasthan). राजस्थान में गुजरात चुनाव से पहले चित्तौड़गढ़ जिले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस ने यहां नाकाबंदी कर एक गाड़ी से करीब ढाई करोड़ रुपए का कैश बरामद किया है। यह गाड़ी में कहीं छुपाया हुआ नहीं था बल्कि कचरे की तरह बोरियों में भरा हुआ था। नाकाबंदी के दौरान पुलिस को गाड़ी में बैठे दो युवकों के हाल संदिग्ध लगे तो पुलिस ने गाड़ी की तलाशी ली। इसके बाद इतने ज्यादा नोट देखकर पुलिस भी चौक गई। 

चित्तौड़गढ़ पुलिस के मुताबिक नाकाबंदी के दौरान मंगलवार शाम को कोतवाली इलाके में कोटा से उदयपुर जाने वाली हाईवे पर एक एसयूवी कार आती हुई दिखाई दी। सड़क पर पुलिसकर्मियों को देख कार में बैठे दोनों युवकों के चेहरे से हवाइयां उड़ने लगीं। पुलिस को उन पर शक हुआ तो पुलिस ने गाड़ी रुकवा कर तलाशी ली तो पीछे की सीट के नीचे आठ बोरियों में करीब ढाई करोड़ रुपए रखे हुए थे। इसके बाद पुलिस ने ड्राइवर विरतफला और उसके साथ रहे युवक उत्तम जीत को गिरफ्तार कर लिया।

बिजनेसमैन के हैं रूपए, गुजरात चुनाव में भेजे जाने की आशंका  
पुलिस दोनों युवकों को पकड़ कर थाने लाया गया, जहां कई घंटे तक पुलिस नोटों को गिनती करती रही, जिसके बाद मशीन मंगवाकर नोटों की गिनती करवाई गई। पूछताछ में पकडे गए युवकों ने बताया कि यह रुपए किसी बिजनेसमैन के हैं। जो उसे देने के लिए जा रहे हैं। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो दोनों युवक कोई भी जवाब नहीं दे पाए। पुलिस का मानना है कि गुजरात चुनाव से पहले वहां राजस्थान से यह रुपए भेजे जा रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी चुनाव से जुडी कई बड़ी कार्रवाई को राजस्थान पुलिस ने अंजाम दिया है।

पहले भी पुलिस ने बरामद किया था लाखों की चांदी 
गौरतलब है कि बीते दिनों राजस्थान पुलिस ने सिरोही में कई किलो चांदी भी पकड़ी थी। हर बार गुजरात चुनाव से पहले राजस्थान के रास्ते हैं वहां रुपयों और शराब की सप्लाई की जाती है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन तस्करों की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस कभी भी मुख्य आरोपियों तक नहीं पहुंच पाती है। वहीं सख्त कानून नहीं होने के चलते बेहद कम समय में ही इन तस्करों की जमानत भी हो जाती है।

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