आधी रात को 10 सीनियर IAS को पीछे छोड़ राजस्थान का मुख्य सचिव बना ये अफसर, इनसे ज्यादा पत्नी की चर्चा

 प्रदेश के ब्यूरोक्रेसी और सचिवालय में अपने नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर गहमागहमी बनी हुई है। इस बात की खूब चर्चा हो रही है कि कैसे निरंजन आर्य अपने 10 सीनियर आईएएस अफसरों को पीछे छोड़कर मुख्य सचिव बनाया गया है। आईएएस राजीव स्वरूप के रिटायरमेंट के बाद आर्य को यह जिम्मेदारी दी गई है।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 1, 2020 9:07 AM IST / Updated: Nov 01 2020, 02:40 PM IST

जयपुर. राजस्थान में शनिवार आधी रात को गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला किया। जहां 1989 बैच के आईएएस निरंजन आर्य को राजस्थान का नया मुख्य सचिव बना दिया गया। प्रदेश के ब्यूरोक्रेसी और सचिवालय में अपने नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर गहमागहमी बनी हुई है। इस बात की खूब चर्चा हो रही है कि कैसे निरंजन आर्य अपने 10 सीनियर आईएएस अफसरों को पीछे छोड़कर मुख्य सचिव बनाया गया है। आईएएस राजीव स्वरूप के रिटायरमेंट के बाद आर्य को यह जिम्मेदारी दी गई है।

सरकार के करीबी होने का मिला फायदा
बता दें की निरंजन आर्य  मुख्यमंत्री अशोक गलहोत की बेहद करीबी अफसर माने जाते हैं। वह राजस्थान में आईएएस की वरिष्ठता सूची में 11 वां नंबर पर आते हैं। लेकिन गहलोत सरकार ने सीनियर अधिकारियों की वरिष्ठता लांघ कर आर्य पर भरोसा जताया  और उनको राजस्थान का  मुख्य सचिव बना दिया। बता दें कि निरंजन आर्य दो साल यानि 2022 तक इस पद पर रहेंगे।

 

जानिए कौन हैं आईएएस निरंजन आर्य
1989 बैच के आईएएस निरंजन आर्य मूल रूप से पाली जिले के रहने वाले हैं, उनका जन्म 4 जनवरी 1962 को हुआ। उन्होंने अपनी पढ़ाई में बीकॉम एमकॉम किया हुआ है। वह सीएम गहलोत के सचिव भी रह चुके हैं। इसके साथ ही एसीएस वित्त, कोऑपरेटिव, आयुर्वेद विभाग के प्रमुख के साथ-साथ वो 5 जिलों में कलेक्टर भी रह चुके हैं।

 

पत्नी लड़ चुकी हैं विधायक का चुनाव
बता दें कि राज्यस्थान के नए मुख्य सचिव निरंजन आर्य की पत्नी संगीता आर्य राजनीति में हैं। वो साल 2013 में कांग्रेस के टिकट पर सोजत विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़ चुकी है। हालांकि, उनको इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी पिछले दिनों गहलोत सरकार ने संगीता आर्य को राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन (आरपीएससी) में सदस्य बनाया है। प्रदेश के कई सीनियर आईएएस अफसरों का कहना है कि पत्नी के राजनीति में जाने से यह फायदा मिला है।

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