गुर्जर आंदोलन: 1 नवंबर से पूरा प्रदेश ठप्प करने की चेतावनी के बाद झुकी गहलाेत सरकार

विशेष पिछड़ा वर्ग में 5 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर कई सालों से होते आ रहे गुर्जर आंदोलन को एक बार फिर हवा मिली है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी बैंसला के 1 नवंबर से राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा से सरकार अलर्ट हो गई है। बता दें कि 2007 में इस आंदोलन के हिंसक होने पर 26 लोग, जबकि 2008 में 37 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि सरकार से वार्ता के बाद आंदोलन स्थगित हो सकता है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 31, 2020 4:30 AM IST / Updated: Oct 31 2020, 02:01 PM IST

जयपुर, राजस्थान. विशेष पिछड़ा वर्ग में 5 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जरों का आंदोलन फिर सुलगने की आशंका है। शुक्रवार को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी बैंसला ने 1 नवंबर से राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। इसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन हाईअलर्ट पर आ गया है।  बता दें कि 2007 में इस आंदोलन के हिंसक होने पर 26 लोगों, जबकि 2008 में 37 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि राजस्थान के मंत्री मंत्री रघु शर्मा ने आंदोलन के वार्ताकारों से चर्चा की। सरकार ने इनकी तीन मांगों पर सहमति जताई है। इससे माना जा रहा है कि आंदोलन स्थगित हो सकता है।

यहां सबसे ज्यादा खतरा
राजस्थान में करौली, भरतपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, धौलपुर जिलों के अलावा भीलवाड़ा का आसींद और सीकर का नीम का थाना तथा झुंझुनूं के खेतड़ी इलाके गुर्जर बाहुल्य हैं। आशंका है कि आंदोलनकारी दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक और सड़क जाम कर सकते हैं। रविवार को गुर्जर आंदोलनकारियों के भरतपुर के पीलूपुरा में पड़ाव डालने की सूचना के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। गुर्जर बाहुल्य 4 जिलों दौसा, करौली, सवाई माधोपुर और भरतपुर में अगले आदेश तक इंटरनेट बंद कर दिया गया है। किसी भी स्थिति से निपटने अलग-अलग फोर्स की 19 कंपनियां अलग-अलग जिलों में भेजी गई हैं। बता दें कि बैंसला करौली जिले के हिंडौन सिटी स्थित अपने निवास पर शुक्रवार को मीडिया के जरिये सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो 1 नवंबर से प्रदेशभर में चक्काजाम होगा। 

सरकार कर रही वार्ता...
इस बीच आंदोलन को रोकने सरकार ने गुर्जर समाज के 41 प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया था। लेकिन कहा यह जा रहा है कि आरक्षण संघर्ष समिति ने वार्ता के लिए किसी को भी नियुक्त नहीं किया है। नेताओं ने आंदोलन की अपनी रणनीति नहीं बताई है, लेकिन आशंका है कि आंदोलनकारी पहले दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक और आगरा-बीकानेर राजमार्ग नंबर-21 को जाम करेंगे।

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