
नई दिल्ली: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2019 के खरीफ सत्र के दौरान, सूखे से निपटने के लिए केवल मणिपुर और राजस्थान ने केंद्र से सहायता की मांग की है जबकि कर्नाटक ने अभी तक इस संबंध में कोई ज्ञापन नहीं दिया।
राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, तोमर ने कहा कि मणिपुर और राजस्थान पहले ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए ज्ञापन सौंप चुके हैं।
मणिपुर ने बिष्णुपुर, चंदेल, चुराचंदपुर, इम्फाल पूर्व, इम्फाल पश्चिम, जिरिबाम, कामजोंग, काकचिंग सहित 15 जिलों में सूखे की घोषणा की है। राज्य में 16 जिले हैं। दूसरी ओर, राजस्थान ने बाड़मेर, हनुमानगढ़, जैसलमेर और जोधपुर जैसे चार जिलों में सूखा घोषित किया है।
ऐसे मिलते हैं फंड
तोमर ने कहा, ‘‘कर्नाटक राज्य ने खरीफ 2019 सत्र के लिए एनडीआरएफ से वित्तीय सहायता की मांग के लिए कोई ज्ञापन नहीं सौंपा है।’’ मंत्री ने कहा कि अधिसूचित प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में, राज्य सरकारें राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से आवश्यक राहत उपाय शुरू करने का अधिकार रखती हैं, जो उनके पास ही उपलब्ध होता है। एसडीआरएफ के ऊपर और अधिक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता, एनडीआरएफ से दिया जाता है जो राज्य सरकारों से ज्ञापन प्राप्त करने और मौजूदा मानदंडों और प्रक्रियाओं के अनुसार होता है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
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