दुखद मामला: बेटे की शादी के लिए TI को नहीं मिली छुट्टी, फूट-फूटकर रोए और सदमे में हो गई मौत

थाना प्रभारी होशियार सिंह के बेटे की शादी 10 दिन बाद यानि  22 नवंबर होनी थी। जिसकी सगाई और टीके की रस्में  16 नवंबर को होनी थी। लेकिन अफसरों ने दोनों समारोह के लिए छुट्टियां मंजूर नहीं की थीं। इसके चलते  टाई की सदमे में मौत हो गई।

Asianet News Hindi | Published : Nov 12, 2020 1:18 PM IST

भरतपुर. राजस्थान में एक बेहद दुखद मामला सामने आया है। जहां एक थाना प्रभारी को बेटे की शादी के लिए बड़े अधिकारियों ने छुट्टी नहीं दी। इसके चलते  टाई की सदमे में मौत हो गई। बता दें कि मृतक पुलिस अधिकारी के बेटी की शादी 10 बाद होनी थी। वहीं इस मामले में जिले के एसपी का कहना है कि टीआई की जान कोरोना की वजह से गई है।

छुट्‌टी नहीं मिली तो सदमे में चली गई जान
दरअसल, भरतपुर जिले के  उच्चैन थाने में पदस्थ थाना प्रभारी होशियार सिंह ने अपने बेटे की शादी के लिए छुट्टी हेतु आवेदन दिया था। जिसको अधिकारियों ने मंजूर नहीं दी, बताया जाता है कि वह अपने अधिकारियों को इसके लिए कई बार फोन भी कर चुके थे। लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। गुरवार की रात ड्यूटी के दौरान होशियार सिंह ने दम तोड़ दिया।

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10 बाद है थाना प्रभारी के बेटे की शादी
बता दें कि थाना प्रभारी होशियार सिंह के बेटे की शादी 10 दिन बाद यानि  22 नवंबर होनी थी। जिसकी सगाई और टीके की रस्में  16 नवंबर को होनी थी। लेकिन अफसरों ने दोनों समारोह के लिए छुट्टियां मंजूर नहीं की थीं। जिसके चलते वह तनाव में आ गए और बेटी की शादी से पहले उनकी जान चली गई। बता दें कि मृतक के बेटे का कहना है कि पापा ने छुट्टी वाली बात परिवार के किसी सदस्य को नहीं बताई थी। लेकिन वह बहुत दिनों से तनाव में रहते थे।

ड्यूटी वाले कमरे में फूट-फूट कर रोए थे टीआई
बताया जा रहा है कि मरने से पहले थाना प्रभारी होशियार सिंह अपने ड्यूटी वाले कमरे में फूट-फूट कर रोए थे। वह बार-बार यही कह रहे थे ऐसी कैसी नौकरी जिसमें बेटे की शादी में ही छुट्टी ना मिल सके। इसी दौरान उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई, जहां उन्हें अस्पताल ले जाया गया। लेकिन  भरतपुर अस्पताल पहुंचते ही डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। 

गुर्जर आंदोलन की वजह नहीं दी थी छुट्टी
वहीं इस मामले में भरतपुर के एसपी मूल सिंह राणा ने बताया कि थाना प्रभारी की मौत कोरोना से हुई है, ना की सदमे की वजह से। उन्होंने बताया कि मौत के बाद जब शव की जांच की गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। छुट्‌टी मंजूर होनो वाली बाद एक दम गलत है। गुर्जर आंदोलन की वजह से छुटि्टयों पर रोक लगाई गई थी।
 

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