यह दर्दनाक हादसा जयपुर जिले के जमवारामगढ़ के धुलारावजी गांव में स्थित एक केमिकल फैक्ट्री में हुआ। जहां सुबह 9 बजे अचानक आग लगने के बाद भगदड़ मच गई। आग लगने से तीन बच्चों समेत 4 जिंदा जलकर मौत के मुंह में समा गए। वहीं एक बच्ची गंभीर रुप से झुलस गई है
जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर के पास छु्ट्टी के दिन रविवार को दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। जहां एक केमिकल फैक्ट्री में अचानक आग लगने से तीन बच्चों समेत 4 जिंदा जलकर मौत के मुंह में समा गए। वहीं एक बच्ची गंभीर रुप से झुलस गई है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड टीम मौके पर पहुंची और तीन घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया है। अभी मौके पर पुलिस की टीम मौजूद है।
इस वजह से हुआ ये भयानक हादसा
दरअसल, यह दर्दनाक हादसा जयपुर जिले के जमवारामगढ़ के धुलारावजी गांव में स्थित एक केमिकल फैक्ट्री में हुआ। जहां सुबह 9 बजे अचानक आग लगने के बाद भगदड़ मच गई। बताया जा रहा है कि जिस दौरान यह आग लगी उस वक्त फैक्ट्री में कई मजदूर और बच्चे वहां पर मौजूद थे। जिसमें से कई तो भाग निकले, लेकिन भगदड़ में मजदूरों के तीन बच्चे फैक्ट्री के अंदर ही फंस गए। जिसके चलते बच्चे आग की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई। शुरूआती जानकारी के मुताकि, यह आग शॉर्ट सर्किट से फैक्ट्री में लगी है।
चीख-पुकार करते हुए भागने लगे लोग..मची भगदड़
चश्मदीदों ने बताया कि आग देखते ही देखते इतनी तेज हो गई कि आसपास के लोग चीख-पुकार करते हुए भागने लगे। जो अंदर फंसे थे वह बचाओ-बचाओ चिल्ला रहे थे। किसी तरह मजदूर तो बाहर निकल गए, लेकिन उनके बच्चे अंदर ही फंस गए। आग इतनी विकराल थी कि लोग चाहकर बच्चों को बचाने के लिए अंदर नहीं जा पाए। तब तक फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची तब तक मासूमों की सांसे थम चुकी थीं।
बच्चों को बचाने में फैक्ट्री मालिक का भतीजा भी जल गया
बता दें कि मौके पर मौजूद फैक्ट्री मालिक शंकरलाल का भतीजा रमेश उर्फ कालू (25) बच्चों को निकालने अंदर गया। लेकिन वह भी भीषण आग में फंस गया और उसकी भी जलकर मौत हो गई। वहीं जिन तीन मासूमों की मौत हुई है वह सभी दो से 5 साल के अंदर की उम्र के थे। मृतक बच्चे गरिमा (3) अंकुश (5) दिव्या (2) साल बताए जा रहे हैं। हादसे में जिया (8) और महिला पार्वती (45) झुलस गई है। बताया जा रहा है कि इस हादसे में लाखों का नुकसाल भी हुआ है। आग पर काबू पाने के बाद चारों के शवों को बाहर निकाला गया।