एक और पुलिस अफसर कोरोना से जिंदगी की जंग हार गया, चिता को आग देते ही हर आंख हो गई नम

देश को इस कोरोना महामारी में उन योद्धाओं पर गर्व है जो खुद की जान खतरे में डालकर दिनरात लोगों की जिंदगी बचाते-बचाते इस दुनिया को अलविदा कह गए। ऐसी एक मार्मिक कहानी राजस्थान के बूंदी के पुलिस अफसर बुद्धि प्रकाश नामा कोरोना से लड़ते हुए जिंदगी की जंग हार गए।

Asianet News Hindi | Published : Sep 19, 2020 10:42 AM IST

बूंदी (राजस्थान). देश को इस कोरोना महामारी में उन योद्धाओं पर गर्व है जो खुद की जान खतरे में डालकर दिनरात लोगों की जिंदगी बचाते-बचाते इस दुनिया को अलविदा कह गए। ऐसी एक मार्मिक कहानी राजस्थान के बूंदी के पुलिस अफसर बुद्धि प्रकाश नामा कोरोना से लड़ते हुए जिंदगी की जंग हार गए। शनिवार को उनके पैृतक गांव में बेटे और पुलिस के कई आला अधिकारियों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

यूं जिंदगी की जंग हार गया पुलिस अफसर
दरअसल,  11 दिन पहले कापरेन थाना प्रभारी बुद्धि प्रकाश नामा  को  सांस लेने में तकलीफ के बाद कोटा के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जब उनकी जांच की गई तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। परिवार और पुलिस विभाग के कई अफसर उनको ठीक कराने के लिए डटे रहे। लेकिन शुक्रवार देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया 

चिता को आग  देते ही हर आंख हो गई नम
जैसे ही बुद्धि प्रकाश का शव श्मशान घाट लाया गया तो पुलिस के जवानों ने हथियार झुकाए और सम्मान में हवाई फायर किए। साथ ही सभी अधिकारियों ने उनको सलाम कर अंतिम विदाई दी। जब बेटे दीपक ने रोते हुए अपने बहादुर पिता को मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद हर आंख नम हो गई। इस दौरान डीआईजी रविदत्त गौड़, एसपी शिवराज सिंह मीना और पुलिस अधीक्षक कोटा मौजूद थे।

उनकी बहादुरी के चर्चे हर कोई जानता था
बता दें कि 56 वर्षीय नामा साल 1985 में राजस्थान पुलिस सेवा में भर्ती हुए थे। उनकी ईमानदारी और बहादुरी के चर्चे पुलिस विभाग के सभी बड़े अफसर जानते थे। जिस भी थाने में उनकी पोस्टिंग हुई उन्होंने अपनी एक अलग ही छाप छोड़ी। जिस वक्त लॉकडाउन हुआ था तो वह पैदल ही लोगों के घर राशन और खाने की पैकेट बांटने के लिए निकल जाते थे। बूदी जिले में हर कोई इस जवान के किस्से से परिचित था। लेकिन जैसी ही लोगों को पता चला कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहे तो पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई।

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