राजस्थान में कोरोना रिटर्न्स पार्ट 2: सताने लगा नए वेरिएंट का खतरा, जानिए क्यों डॉक्टर बोले-थर्ड वेव से ज्यादा

Published : May 05, 2022, 11:42 AM ISTUpdated : May 05, 2022, 11:57 AM IST
राजस्थान में कोरोना रिटर्न्स पार्ट 2: सताने लगा नए वेरिएंट का खतरा, जानिए क्यों डॉक्टर बोले-थर्ड वेव से ज्यादा

सार

लगातार बढ़ रहे केस ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। मरीज की संख्या में इजाफे से ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ने लगी है। सरकार के लिए राजस्थान के मौजूदा हालात के साथ इस समस्या का समाधान भी करना है।

जयपुर.देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इससे राजस्थान भी बचा हुआ नहीं है यहां भी कोरोना के लगातार बढ़ते केसों ने सरकार के साथ डॉ की भी चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि कोरोना पॉजिटिव आने वाले 10 फीसदी मरीजों में ऑक्सीजन की डिमांड देखी जा रही है। साथ ही सिटी स्कैन में भी निमोनिया देखने को मिल रहा है। प्रदेश में कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या 468 हो गयी है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति राजधानी जयपुर की है। यहां सबसे ज्यादा कोविड पेशेंट देखने को मिल रहे हैं, जहां एक्टिव मरीजों की संख्या 347 है. बीते 10 दिनों में प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर  दोगुना हो गई है।

थर्ड वेव से ज्यादा सीरियस कंडीशन
कोविड के नए मामलों को लेकर राजस्थान  के सबसे बड़े कोविड डेडिकेटेड अस्पताल Rajasthan University for Health Sciences(आरयूएचएस) के सुपरीटेंडेंट डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि नए मरीजों में कोरोना की तीसरी लहर के दौरान आने वाले मरीजों से ज्यादा सिवियर्टी देखने को मिल रही है. जो मरीज आ रहे हैं, उनमें खांसी, सांस में तकलीफ के साथ चार से पांच दिन तक  तेज बुखार बना रहता है। कई मरीजों में ऑक्सीजन की कमी भी देखने को मिल रही है। पेशेंट का फीवर  नहीं उतरने पर सिटी स्कैन करवाते हैं तो उन पेशेंट में सिटी स्कोर नॉर्मल से ज्यादा आ रहा है।
नए वेरिएंट का खतरा
देश के ज्यादातर नागरिकों कोविड की दोनों डोज लग चुकी है। जो भी मरीज आ रहे  हैं वो अपना वेक्सीनेशन पूरा करा चुके हैं साथ ही कुछ मरीजों को कोरोना पहले हो भी चुका है। इस तरह के पेशेंट का  आना एक चिंता का विषय है। क्योंकि इन मरीजों को ऑक्सीजन की जरुरत पड़ रही है और राज्य में ऑक्सीजन की पहले से ही कमी है। मरीजों में इस तरह के सिम्पटम को देखकर डॉक्टर्स की चिंता है की कहीं ओमीक्रॉन और डेल्टा का कोई नया वेरियंट तो नहीं हालांकि इसको लेकर  डॉ. अजीत सिंह ने बताया कि अभी तक जीनोम सिक्वेंसिंग में ओमीक्रॉन वेरियंट ही सामने आ रहा है लेकिन जिस तरह कई देशों में डेल्टा और ओमीक्रॉन के कॉम्बिनेशन वेरियंट के केस मिल रहे है वहीं केस यहां भी मिलने का  खतरा हो सकता है। फिलहाल कोविड इंफेक्सन  से बचने के लिए सावधानी  रखना बहुत  जरुरी है।
शिक्षा विभाग भी बच्चों की छुट्टी की मांग कर चुका है
जयपुर में बढ़ रहे मामलों का असर बच्चों पर भी दिख रहा है।वे भी कोविड के शिकार हो रहे है। जिनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने बच्चों की जल्दी छुट्टी करने की मांग की थी।

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