राजस्थान सरकार ने अलवर में 15 साल की मूकबधिर नाबालिग के साथ हुए गैंगरेप मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है। रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह निर्णय हुआ।
जयपुर। राजस्थान सरकार ने अलवर में 15 साल की मूकबधिर नाबालिग के साथ हुए गैंगरेप (Alwar Rape Case) मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है। रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह निर्णय हुआ। राज्य सरकार जल्द ही केंद्र सरकार को इस संबंध में पत्र लिखेगी।
शनिवार को ही सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने मामले की जांच सीबीआई से कराने के संकेत दे दिए थे। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार अलवर जिले में मानसिक रूप से कमजोर किशोरी के बदहाल एवं घायल अवस्था में मिलने के मामले में पीड़िता के परिजनों की इच्छा के अनुसार, शहर के बाहर के एक पुलिस अधिकारी, अपराध शाखा, एनओजी या सीबीआई जैसी किसी एजेंसी से जांच कराने के लिए तैयार है।
पांच दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली
इस मामले में पांच दिन बाद भी राजस्थान पुलिस के हाथ खाली हैं। गैंगरेप के आरोपियों को पकड़ना तो दूर पुलिस उनकी पहचान तक नहीं कर पाई है। इस दर्दनाक घटना के मामले में अब अलवर की एसपी तेजस्विनी गौतम का यू-टर्न लिया है। रविवार को गुरुद्वारा कमेटी के सदस्य एसपी से मिले तो एसपी ने कहा कि रेप की आशंका से इनकार नहीं किया गया है। वहीं, दो दिन पहले एसपी ने कहा था कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर देखा जाए तो नाबालिग के साथ दुष्कर्म होने की आशंका नहीं लगती है।
दिल्ली की निर्भया जैसी हुई हैवानियत
बता दें कि यह घटना अलवर जिले के मालाखेड़ा थाना इलाके की है, जहां मंगलवार को दरिंदों ने मूकबधिर और मानसिक रूप से कमजोर नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप किया। इसके बाद नुकीली चीज से प्राइवेट पार्ट पर इतने जख्म दिए कि बच्ची खून से लहुलुहान हो गई। इतना ही नहीं, जिस सड़क पर उसे फेंक कर गए, वहां भी आसपास खून बिखरा पड़ा था। वो यहां करीब एक घंटे तक दर्द से तड़पती रही। खून बहने से सड़क लाल हो गई थी। बाद में राहगीरों ने देखा तो पुलिस को सूचना दी और अस्पताल में भर्ती कराया। हैवानियत की यह घटना दिल्ली की निर्भया कांड जैसी थी।
ये भी पढ़ें
BSF के अधिकारी को शेयर बाजार में हुआ नुकसान तो करने लगा ठगी, मोटी कमाई होने लगी तो छोड़ दी नौकरी