राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर हिन्दी दिवस (14 सितम्बर) को स्वर्ण जयन्ती समारोह में अपने 200 लेखकों को सम्मानित करेगी।
जयपुर, राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर हिन्दी दिवस (14 सितम्बर) को स्वर्ण जयन्ती समारोह में अपने 200 लेखकों को सम्मानित करेगी। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि अकादमी की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर बिड़ला सभागार में 14 सितम्बर को स्वर्ण जयंती समारोह में अकादमी की ओर से पुस्तक लेखन से जुड़े अपने 200 लेखकों को सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि देश की यह पहली ऐसी अकादमी है जो हिन्दी लेखकों को इतने वृहद स्तर पर सम्मानित करने जा रही है। उन्होंने बताया कि अकादमी इनके अलावा तीन लेखकों, जिनकी पुस्तकों के 15 संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं, को विशिष्ट प्रज्ञा पुरस्कार से सम्मानित करेगी। प्रज्ञा पुरस्कार के योग्य तीन लेखक डॉ. हरिमोहन सक्सेना, डॉ. रीता प्रताप एवं ममता चतुर्वेदी को 51-51 हजार की राशि के चैक देकर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी देश का पहला ऎसा सरकारी प्रकाशन संस्थान है जिसने एक वर्ष में रिकॉर्ड 3.71 करोड़ मूल्य की पुस्तकों का विक्रय किया है।
राजस्थान के वीरों के बारे में दी जाएगी जानकारी
उन्होंने बताया कि अकादमी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के अमर पुरोधा श्रृंखला’ के अंतर्गत 2006 से 2019 के मध्य दिवंगत हुए 143 स्वतंत्रता सेनानियों पर मोनोग्राफ प्रकाशित किए जाएंगे। अकादमी इस पुस्तक माला के वृहद खंड प्रकाशित करेगी ताकि नई पीढ़ी को देश के आजादी आंदोलन में राजस्थान के वीरों के बारे में गहराई से जानकारी मिल सके।
राजस्थान पहला राज्य,ऑनलाइन होगा रॉयलटी का भुगतान
उन्होंने अकादमी ने अपने लेखकों को रिकॉर्ड 59 लाख रूपये रॉयल्टी का भुगतान किया गया है। राजस्थान देश का पहला ऎसा राज्य है जहां पर लेखकों को अकादमी पूर्ण पारदर्शिता रखते हुए ऑनलाइन रॉयलटी का भुगतान करती है। उन्होंने बताया कि इस वित्त वर्ष में अब तक 1.5 करोड़ पुस्तकों की बिक्री की जा चुकी है।