इससे पहले भी एसीबी लगातार एक्शन ले रही है। जयपुर में बायोफ्यूल प्राधिकरण अधिकारी सुरेंद्र राठौड़ और उसके दलाल देवेश पर कार्रवाई की गई है। उनके पास से भारी मात्रा में रकम मिली है। अलवर में ही भी एसीबी की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है।
जोधपुर : राजस्थान (Rajasthan) में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई लगातार जारी है। जयपुर और अलवर के बाद एक बार फिर एजेंसी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जमीनों से जुड़े महकमे के एक वरिष्ठ कार्यालय सहायक को गिरफ्तार किया है। ACB की यह कार्रवाई जोधपुर (Jodhpur) के मथानिया टोल नाके पर की गई। सहायक से 18 लाख रुपए बरामद किए गए हैं। यह राशि उसे विभाग के उपायुक्त उपनिवेशन नरेन्द्रपाल सिंह ने नाचना में दी थी। एसीबी ने उसे तब पकड़ा जब वह उपायुक्त के जयपुर वाले घर पर पैसे पहुंचाने जा रहा था।
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एसीबी के शिकंजे में सरकारी कर्मचारी
एसीबी से सूचना मिली थी कि नाचना उपनिवेशन कार्यालय का सहायक बड़ी राशि लेकर निकला है, जो मथानिया रामपुर होते हुए जाएगा। इस जानकारी के बाद एसीबी ने उसे पकड़ने का प्लान बनाया और टीम ने रात से ही मॉनिटर शुरू कर दी। गुरुवार सुबह जल्दी ही आरोपी कैलाश चंद्र कार से वहां से निकल रहा था, तभी ब्यूरो की टीम ने उसे रोक लिया और पूछताछ करने लगी। इस पूछताछ में वह घबरा गया और पकड़ा गया।
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गाड़ी के अंदर कैश
जब एसीबी की टीम ने उससे कड़ाई से पूछताछ की और उसे मंडोर थाने लेकर आई तो सारा मामला सामने आ गया। गाड़ी की तलाशी में नोटो से भरे दो बैग मिले, जिसमें 18 लाख 25 हजार कैश रखे हुए थे। गिरफ्तार सहायक कैलाश चंद्र जाट ने एसीबी को बताया कि ये पैसे उपायुक्त को आसकन्द्रा निवासी सोहन सिंह, बेरीसाल सिंह और भोमाराम की डिकी का फैसला उनके हक में दिए जाने के एवज में लिए गए थे। उपायुक्त ने तीनो व्यक्तियों के फैसले फरवरी 2022 में किए थे। एसीबी की जिस टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है उसमें डीआईजी कैलाश विश्नोई, अतरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश चौधरी और अमराराम खोखर की टीम शामिल है।
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