सार
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने अलवर के शाहजहांपुर परिवहन कार्यालय में बड़ी कार्रवाई की। एसीबी टीम ने 10 लाख की रिश्वत लेते इंस्पेक्टर समेत 12 लोगों को रंगेहाथ पकड़ा है।
अलवर (राजस्थान). जयपुर में इसी सप्ताह पकड़े गए बायोफ्यूल प्राधिकरण अधिकारी सुरेंद्र राठौड़ और उसके दलाल देवेश के बाद अब एसीबी की टीम ने अलवर में बड़ी कार्रवाई की है। अलवर में परिवहन विभाग के एक इंस्पेक्टर समेत उसके दो दलाल और उन दलालों के लिए काम करने वाले चार अन्य लोगों को पकड़ा गया है। इन लोगों के पास मौके से 3 लाख और दलाल के घर से 9 लाख रुपए बरामद किए गए हैं। वहीं सात गिरफ्तार लोगों में से चार के घर सर्च की जा रही है।
7 लोगों से लाखों रुपए पकड़ा
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के डीजी बी एल सोनी ने बताया कि एसीबी को शाहजहांपुर थाना के नाके पर ट्रक ड्राइवरों से अवैध वसूली किए जाने बाबत सूचनाएं लगातार मिल रही थी। इन सूचनाओं की पिछले 3 दिनों तक लगातार पुष्टि की गई और उसके बाद एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर कोटा शहर और अलवर इकाई द्वारा शाहजहांपुर अलवर में परिवहन विभाग के कर संग्रहण केंद्र पर छापेमारी की गई। इस छापेमारी में इंस्पेक्टर रविंद्र सिंह भाटी उसके दलाल रविंद्र सिंह चौहान और लीलाराम समेत सात लोगों को लाखों रुपए के साथ पकड़ा गया।
अधिकतर लोग संविदा पर काम करने वाले
को भी गिरफ्तार किया है। इनसे पूछताछ के आधार पर कुछ अन्य लोगों को भी डिटेन किया गया है उनको भी जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है। एसीबी अफसरों ने बताया कि इनमें से अधिकतर लोग संविदा पर और प्राइवेट कर्मियों के रूप में काम कर रहे थे। जो 12 लाख रुपए बरामद किया गया है इनमें से अधिकतर पैसा दलाल रविंद्र सिंह चौहान के पास से एसीबी को मिला है अब इसमें पैसे का हिसाब रविंद्र सिंह चौहान से लिया जा रहा है।
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राजस्थान के सरकारी अधिकारी के घर इतने पैसे कि गिनने वाले थक गए
बता दें कि राजस्थान पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने हाल ही में इस साल की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए राजस्थान एक धन कुबेर बायो फ्यूल ईकाई के अफसर सुरेन्द्र सिंह राठौड़ को पकड़ा है। वह फरियादी से बायोफ्यूल के व्यापार को निर्बाध रूप से संचालित करने देने की एवज में 15 लाख और लाइसेंस रिन्यू करने की एवज में पांच लाख रुपए ले रहा था। पीड़ित ने एसीबी से इसकी शिकायत की तो एसीबी ने उसे ट्रैप करने का प्लान बनाया। एसीबी अफसरों को भी नहीं पता था कि मामला इतना बड़ा है कि नोट गिनने की मशीनें मंगानी होंगी। रात दो बजे तक अफसर के बंगले पर दो मशीनों से नोट गिने जाते रहे।