वर्ल्ड के टॉप-100 में शामिल हुआ राजस्थान के इस जिले का छोटा सा स्कूल, कभी बैठने तक की व्यवस्था नहीं थी

विश्व के टॉप-100 में भारत के 6 स्कूलों का चयन हुआ है। इसमें राजस्थान के कोटड़ा का मांडवा स्कूल भी शामिल  है। यह उपलब्धि हासिल करने वाला कोटड़ा का यह दूसरा स्कूल है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 9, 2021 4:54 AM IST / Updated: Oct 09 2021, 11:24 AM IST

उदयपुर : राजस्थान के आदिवासी अंचल कोटड़ा के मांडवा स्कूल ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस स्कूल को विश्व (world) के टॉप-100 स्कूलों में चुना गया है। खास बात यह है कि देशभर के 6 स्कूलों का इस लिस्ट में नाम है। इसमें राजस्थान (rajshtan) का सिर्फ एक  मांडवा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय शामिल है। यह उपलब्धि हासिल करने वाला यह कोटड़ा का दूसरा स्कूल है। इससे पहले पिछले साल विश्व शिक्षा सप्ताह के तहत कोटड़ा के आडी पीपली रात्रि स्कूल को इस लिस्ट में चुना था।

टी-4 एजुकेशन की रैंकिंग
शिक्षा जगत की रैंकिंग करने वाली वैश्विक संस्था टी-4 एजुकेशन हर साल बेहतरी स्कूलों की रैकिंग करता है। इंग्लैंड की यह संस्था बुनियादी सुविधाओं से लेकर हर व्यवस्था की परख करता है और उसके हिसाब से नंबर दिए जाते हैं। इस साल भारत से कुल 6 स्कूलों को चुना है। इसमें राजस्थान से एकमात्र मांडवा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय है। पिछले साल भी कोटड़ा के आडी पीपली रात्रि स्कूल को चुना गया था।

कभी बैठने तक की नहीं थी व्यवस्था
एक समय ऐसा भी था जब इस स्कूल में बच्चों के लिए बैठने तक की व्यवस्था नहीं थी। कई साल स्कूल भवन की भी समस्या बनी हुई थी। स्कूल में न पीने का पानी था और न ही शौचालय। बच्चों की संख्या भी काफी कम थी। लेकिन जैसे-जैसे सुविधाएं बढ़ती गईं, बच्चों की संख्या भी बढ़ती गई। अभी स्कूल में 300 छात्र पढ़ते हैं।  

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प्रिंसिपल की मेहनत लाई रंग
इस स्कूल को संवारने में प्रिसिंपल मोहित कुमार का बहुत बड़ा रोल है। उन्होंने खुद आगे आकर बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करने का बीड़ा उठाया था। लोगों ने भी इस काम में उनकी खूब मदद की। सभी की मेहनत और सहयोग का ही नतीजा है कि आज यहां विद्यार्थी केंद्रित शिक्षण, विद्यार्थियों को आकर्षित करता सुंदर रेलगाड़ी के डिब्बों जैसा भवन, पानी और सेनिटेशन की उचित व्यवस्था है।

इनका मिला सहयोग
स्कूल में व्यवस्थाएं सुधारने में जिन लोगों और संस्थाओं ने मदद की उनमें क्षमतालय फाउंडेशन, एजुकेट फॉर लाइफ, जतन संस्थान, NSE फाउंडेशन, विप्रो फाउंडेशन, एडेलगिव फाउंडेशन, स्थानीय समुदाय के सदस्य, जनप्रतिनिधि, शिक्षकों, नेताओं, अन्य समाजसेवी संस्थाएं प्रमुख हैं।

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