प्रेम ऐसा कि मौत भी नहीं कर पाई जुदा..पति की मौत के चंद मिनट बाद पत्नी ने भी छोड़ी दुनिया,एक साथ अंतिम संस्कार

बेटियों ने माता-पिता के अर्थी को कंधा दिया। एक ही चिता पर माता-पिता को मुखाग्नि दी। बैंड बाजे के साथ दोनों की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमे पूरा गांव शामिल हुआ। अंतिम संस्कार की सभी रस्में दोनों बेटियों ने निभाया।

Asianet News Hindi | Published : Jan 2, 2022 1:31 PM IST

नागौर : राजस्थान (Rajasthan) के नागौर (Nagaur) में 58 साल साथ-साथ जी रहे पति-पत्नी ने एक साथ दुनिया छोड़ दी। पति की मौत के चंद मिनटों बाद ही पत्नी की भी सांसें थम गईं। दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार की सभी रस्में दोनों बेटियों ने निभाया। इस अंतिम विदाई की चर्चा गांव में हर तरफ हो रही है। हर कोई कह रहा है कि सौभाग्यशाली होते हैं ऐसे पति-पत्नी, जिनको एक साथ मौत नसीब हो।

पति का शव देखते ही पत्नी की भी मौत
नागौर के रूण गांव के रहने वाले 78 साल के राणाराम सेन को सांस लेने में तकलीफ थी। इलाज के लिए उन्हें पहले नागौर और फिर जोधपुर (Jodhpur) ले जाया गया। रविवार सुबह 4 बजे जोधपुर में उनकी मौत हो गई। शव सुबह 8 बजे घर पहुंचा। जैसे ही पत्नी भंवरी देवी ने पति का शव देखा, सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाईं और उन्होंने भी दुनिया छोड़ दी। दोनों की दो बेटियां हैं और दोनों की शादी हो चुकी है। गांव वालों ने बताया कि राणाराम सेन गांव के ही शनिदेव मंदिर में पूजा पाठ करते थे। उनकी मौत से गांव में शोक का माहौल है।

बेटियों ने दी मुखाग्नी
मां-बाप का एक साथ दुनिया छोड़ने पर दोनों बेटियां काफी दुखी हैं। उन्होंने माता-पिता के अर्थी को कंधा दिया। एक ही चिता पर माता-पिता को मुखाग्नि दी। बैंड बाजे के साथ दोनों की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमे पूरा गांव शामिल हुआ। बेटियों के फर्ज को देख गांव वालों ने कहा कि जिसकी ऐसी बेटियां हैं, उन्हें और क्या चाहिए। राणाराम और भंवरी देवी सौगाभ्यशाली थे।

बुजुर्ग दंपति में अटूट प्रेम था
गांव वालों ने बताया कि राणाराम सेन की शादी करीब 58 साल पहले भंवरी देवी के साथ हुआ था। दोनों में अटूट प्रेम था। दोनों एक साथ ही रहते थे। एक-दूसरे का ख्याल रखते थे। अब दोनों ने एक साथ दुनिया छोड़ी है। उनके जाने से आस-पास काफी सूना हो गया है। शनिदेव मंदिर में भी उनकी कमी महसूस की जाएगी।

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