राजस्थान में सियासी घमासान: पायलट से मिलने घर पहुंचे 8 MLA,बोले-हम सचिन के साथ..आलाकमान करें फैसला

पिछले कुछ दिन से पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच खींचतान बढ़ती नजर आ रही है। कुछ दिन पहले एक अंग्रेसी अखबार को दिए इंटव्यू को दौरान पायलट ने कहा है कि सरकार अपने ही कार्यकर्ताओं की नहीं सुन रही है, जिसने अपना खून पसीना बहाकर सत्ता दिलाई है, आज वही किनारे पर हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 10, 2021 2:18 PM IST

जयपुर. राजस्थान में एक बार फिर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। जहां गहलोत सरकार पर सियासी संकट के बादल मंडराते हुए दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि पिछले कुछ दिन से पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच खींचतान बढ़ती नजर आ रही है। इसी बीच गुरुवार दोपहर को पायलट खेमे के 8 विधायकों ने उनसे मुलाकात की। जहां उन्होंने साफ तौर से कहा कि वह पायलट के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं।

10 माह से ज्यादा समय हो गया हमारी नहीं सनी गई
दरअसल, पायलट गुट के विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि 10 माह से ज्यादा समय हो जाने के बाद भी सुलह कमेटी में उठाए गए मुद्दों का अब तक कोई समाधान नहीं हो पाया है। विधायकों का कहना है कि आलाकमान ने जो वादे किए, उन्हें पूरा करना चाहिए। पायलट ने पार्टी के लिए दिन रात मेहनत की है, उनकी सुनी जानी चाहिए।

हम कांग्रेस में रहकर ही आवाज उठाएंगे
बता दें कि सचिन पायलट से जो विधायक मिलने के लिए उनके आवास पर पहुंचे थे उनमें विश्वेंद्र सिंह, वेदप्रकाश सोलंकी, पी आर मीणा, मुकेश भाकर, गुरुदीप सिंह साहपीनी, राकेश पारीक, जी आर खटाना और रामनिवास गावड़िया शामिल हैं। इन विधायकों ने कहा कि वह कांग्रेस में रहकर ही संघर्ष करेंगे और पायलट के साथ हर कदम पर साथ देंगे। हम को गलत नहीं कर रहे हैं अपनी ही पार्टी की मजबूती के लिए आवाज उठा रहे हैं।

सिद्धू की 10 दिन में सुन ली, यहां पायलट की क्यों नहीं
बता दें कि विधायकों का यह भी कहना था कि आलाकमान ने जिस तरह से  पंजाब में सिद्धू की महज 10 दिन बात सुनी गई है, उसी तरह राजस्थान में सचिन पायलट की बातों को भी हाईकमान को सुनना चाहिए। हमने अभी बड़े नेताओं से कोई समय नहीं मांगा है। हम तो उस तरह गहलोत के यहां गुहार लगा रह हैं, जैसे एक भक्त रोजाना मंदिर जाता है। यह पूरा मामला प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चल रहा है।

पालयट के सामने आए बगावती तेवर
कुछ दिन पहले एक अंग्रेसी अखबार को दिए इंटव्यू को दौरान पायलट ने कहा है कि सरकार अपने ही कार्यकर्ताओं की नहीं सुन रही है, जिसने अपना खून पसीना बहाकर सत्ता दिलाई है, आज वही किनारे पर हैं। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जो वादे विधायकों से और जनता से किए थे वह अधूरे हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस पायलट के विरोध को रोक पाती है या नहीं।

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