राजस्थान के जोधपुर से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहां एक बहू अपनी मांगों को लेकर ससुराल की चौंखट पर बैठ पिछले तीन से धऱना दे रही है। इस दौरान वह अपने सास-ससुर और पति पर कई गंभीर आरोप भी लगा रही है।
जोधपुर (राजस्थान), अभी तक आपने आम आदमी और किसी कर्मचारियों को आंदोलन करते या धरना देते हुए देखा होगा। लेकिन राजस्थान के जोधपुर से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहां एक बहू अपनी मांगों को लेकर ससुराल की चौंखट पर बैठ पिछले तीन से धऱना दे रही है। इस दौरान वह अपने सास-ससुर और पति पर कई गंभीर आरोप भी लगा रही है। उसने महिला थाने में इनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई है। लेकिन ना तो ससुरालवालों ने दरवाजा खोला और ना ही पुलिस से कोई मदद मिल पाई है।
शादी वाले दिन ही पति ने दिल दुखा दिया
दरअसल, यह मामला जोधपुर जिले के बिलाड़ा का है, जहां 23 साल की ज्योत्सना पति और ससुराल वालों के अपने ही घर की चौखट पर धरना दे रही है। दो साल पहले 16 जनवरी 2020 को उसकी शादी हेमंत आचार्य (26) से हुई थी। विवाह के दिन ही उस पर देहज की डिमांड को लेकर प्रताड़ित किया जाने लगा। खुद पति ने घर पहुंचे ते ही ज्योत्सना पर कमेंट्स मारते हुए कहा-भिखारी लोग मुंह उठाकर चले आए, फिर सास ने कहा- हमने बेटी को कार दी, तुम लोगों ने कुछ नहीं दिया। उस वक्त वह नई बहू थी, इसलिए किसी ने कुछ नहीं बोला। लेकिन धीरे-धीरे उनके अत्याचार बढ़ते ही गए।
हाथों की मेहंदी भी नहीं छूटी और पति ने छोड़ दिया
ज्योत्सना ने बताया कि शादी के कुछ दिन बाद ही पति ने मुझे अपने मायके छोड़ दिया। कहा जब दहेज लेकर आओगी तब ही मेरे घर आना। मेरे हाथों की मेहंदी भी नहीं छूटी थी कि उसने मेरा साथ छोड़ दिया। एक बार भी पति उसे लेने नहीं आया। जब खुद से पत्नी कई बार ज्योत्सना अपने ससुराल आई, लेकिन अक्सर उसे ताला लगा मिलता था।
जेठानी इसी वजह से कर चुकी है सुसाइड
ज्योत्सना ने बताया कि इन लोगों के लिए दहेज से बढ़कर कुछ नहीं है। यह दहेज के लोभी हैं, मेरे बड़े ससुर सीताराम के बेटे रोहित की पत्नी किरण को भी ससुराल वालों ने दहेज के लिए प्रताड़ित किया था। उसे इतना टॉर्चर किया कि लॉकडाउन के दौरान उसने सुसाइड कर लिया था। जबकि वह गर्भवती थी। उसकी मौत के कुछ दिन बाद ही रोहित ने दूसरी शादी कर ली थी। अब ये लोग यही चाहते हैं कि मैं भी इसी तरह सुसाइड कर लूं।
शिवारात्रि के दिन से बैठी है धरने पर
बता दें कि ज्योत्सना अपने ससुराल 22 फरवरी को आई थी। लेकिन इस दौरान उसके पति, सास व ससुर ने उसे पीटा और घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद वह रोते हुए पुलिस के पास पहुंची और उनकी शिकायत दर्ज करवाने के लिए आवेदन दिया। लेकिन पुलिस ने कार्रवाई न कर आपसी रजामंदी से मामला सुलझाने का आश्वासन दिया। मैंने पुलिस के सामने इंसाफ के लिए हाथ-पैर जोड़े, लेकिन मेरी एक नहीं सुनी। फिर शिवरात्रि पर 1 मार्च को ससुराल आई। तब भी सास ने उसे पीट कर घर से बाहर निकाल दिया और घर पर ताला जड़ दिया। लेकिन इस बार वह मायके नहीं जाकर ससुराल के दरवाजे पर धरने पर बैठ गई।