कोरोना संक्रमण को रोकने सोशल डिस्टेंसिंग ही एक मात्र विकल्प है। इसके बावजूद जाने-अनजाने लोग किसी के संपर्क में अपने पर संक्रमित हो रहे हैं। यह तस्वीर एक पिता और उसकी बेटी की है। वे मु्ंबई से जयपुर आए थे। यहां आकर उन्हें मालूम चला कि उनकी बेटी को संक्रमण है। हालांकि पिता की रिपोर्ट निगेटिव है। लेकिन मासूम बच्ची को वो अकेला छोड़ भी नहीं सकता। लिहाजा, वो बच्ची के साथ ही कोरोना वार्ड में मौजूद है।
डूंगरपुर, राजस्थान. कोरोना संक्रमण को रोकने अभी तक कोई दवाई सामने नहीं आई है। ऐसे में संक्रमण से बचने सतर्कता जरूरी है। कोरोना संक्रमण को रोकने सोशल डिस्टेंसिंग ही एक मात्र विकल्प है। इसके बावजूद जाने-अनजाने लोग किसी के संपर्क में अपने पर संक्रमित हो रहे हैं। यह तस्वीर एक पिता और उसकी बेटी की है। वे मु्ंबई से जयपुर आए थे। यहां आकर उन्हें मालूम चला कि उनकी बेटी को संक्रमण है। हालांकि पिता की रिपोर्ट निगेटिव है। लेकिन मासूम बच्ची को वो अकेला छोड़ भी नहीं सकता। लिहाजा, वो बच्ची के साथ ही हॉस्पिटल में मौजूद है। पिता कहता है कि बस वो चाहता है कि उसकी बेटी ठीक हो जाए। बता दें कि डूंगरपुर में शुक्रवार को मरीजों की संख्या 15 पहुंच गई है।
बेटी को देखकर उदास हो जाता है पिता..
यह शख्स अपनी पत्नी और 6 माह के बेटे के साथ राजस्थान के डूंगरपुर अस्पताल के निगेटिव वार्ड में भर्ती है। वहीं, उसकी 2 साल की बेटी को कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया है। शख्स ने बताया कि वो अपने और छोटे भाई के परिवार के साथ 10 मई की शाम एक निजी बस से मु्ंबई से निकला था। 11 मई की रात को बस ने एक जगह उतारा। वहां से पैदल देव ग्राम पंचायत के अपने गांव मनातफला पहुंचे। 12 मई को उन्हें सुरपुर क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती कराया गया। अगले दिन उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए। मालूम चला उनकी बेटी को संक्रमण है। पिता ने कहा कि पता नहीं उनकी बेटी कैसे संक्रमित हो गई। यह कहते हुए पिता उदास हो जाता है।