नहीं थम रहा मौत का सिलसिला: कोटा से भी बुरा है ये हॉस्पिटल, जहां एक महीने में 162 बच्चों की हुई मौत

Published : Jan 05, 2020, 04:06 PM ISTUpdated : Jan 05, 2020, 04:10 PM IST
नहीं थम रहा मौत का सिलसिला: कोटा से भी बुरा है ये हॉस्पिटल, जहां एक महीने में 162 बच्चों की हुई मौत

सार

बच्चों की मौत के मामले में बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल ने तो कोटा के जे.के.लोन अस्पताल को भी पीछे छोड़ दिया है। जहा एक महीने में  162 बच्चों की मौत हो गई।  

राजस्थान. अब तो राजस्थान के एक और शहर ने बच्चों की मौत के मामले में कोटा का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मीडिया सूत्रों के अनुसार यहां के बीकानेर शहर में सिर्फ दिसंबर के महीन में 62 बच्चों की मौत हुई है। लेकिन राज्य सरकार फिर भी अपनी गलती मानने के लिए तैयार नहीं है।

सबसे बड़े अस्पताल में 162 मासूमों ने तोड़ा दम
दरअसल, यह मामला बीकानरे के सबसे बड़े हॉस्पिटल पीबीएम शिशु अस्पताल का है। जहां बीते महीने में करीब 2200 बच्चों को एडमिट कराया गया था। जिसमें से 162 मासूमों ने दम तोड़ दिया। 220 बैड के इस हॉस्पिटल में 140 बैड जनरल वार्ड के हैं। तो 72 बैड नियोनेटल केयर यूनिट (NICU) हैं।

कोई नहीं मान रहा अपनी गलती
बीकानेर के इस अस्पताल में औसतन पांच बच्चों की मौत हो रही थी। इसके बावजूद भी अस्पताल प्रबंधन इन मौतों के पीछे अपनी लापरवाही को कारण नहीं मान रहा है। तो डॉक्टर एचएस कुमार का कहना है कि दूर गांव से जब तक बच्चा यहां लाया जाता है तो उसकी हालत और गंभीर हो जाती है। इसके बाद भी हम उसको बचाने के लिए बेहतर प्रयास और इलाज करते हैं फिर उसकी मौत हो जाती है।

बच्चों की मौत पर हो रही राजनीति
इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत की जिम्मेदार राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी  अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही को बताया है। वहीं इस मामले पर सरकार से लेकर अस्पताल प्रशासन ने चुप्पी साध ली है। वह इन मौतों को सामान्य और स्वाभाविक बता रहे हैं।

कोटा में 110 पहुंचा बच्चों की मौत का आंकडा
वहीं कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा 100 के पार यानी 110 पहुंच गया है। रोज यहां दो बच्चे दम तोड़ रहे हैं। किसी ना किसी मां गोद सूनी हो रही है। उसके बावजूद भी डॉक्टर से लेकर प्रदेश की सरकार तक कोई उचित व्यवस्था नहीं कर रही। जिसकी वजह से मासूमों की मौत ना हो। 

अस्पताल में नेताओं का लग रहा जमावड़ा
जब पूरे देश में बच्चों की मोत से हाहाकार मच गया। तब जाकर एक महीने बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को मासूमों की याद और शुकवार के दिन दौरा करने चल दिए। अस्पताल प्रबंधन की हद देखो बच्चों का इलाज करने की बजाए मंत्री के स्वागत में ग्रीन कारपेट बिछा दी। वहीं शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला भी पीड़ित परिवारों से मिलने कोटा पहुंचे। दूसरी तरफ दोपहर में उपमुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट भी इलाज के दौरान अस्पताल में मरे बच्चों के घर पहुंचे तथा परिजनो से मिले।

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