राजस्थान में 100 के पार हुआ बच्चों की मौत का आंकड़ा, हॉस्पिटल कैंपस में घूमते हैं सूअर

राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। जहां एक महने के अंदर मौत का यह आंकड़ा 100 के पार हो गया है। गुरुवार के दिन भी एक नवजात को जान गंवानी पड़ी।

Asianet News Hindi | Published : Jan 2, 2020 2:05 PM IST / Updated: Jan 02 2020, 07:36 PM IST

कोटा, राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। जहां एक महने के अंदर मौत का यह आंकड़ा 100 के पार हो गया है। गुरुवार के दिन भी एक नवजात को जान गंवानी पड़ी। जहां डॉक्टर से लेकर राज्य की सरकार पर मासूमों की मौत पर अलग-अलग तर्क दे रहे हैं। 

सीएम ने कहा-इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए
गहलोत ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा है, ‘‘ जेके लोन अस्पताल, कोटा में हुई बीमार शिशुओं की मृत्यु पर सरकार संवेदनशील है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कोटा के इस अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे। मां और बच्चे स्वस्थ रहें, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।’’

हॉस्पिटल में घूमते हैं सूअर
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर महीने में इन बच्चों की मौत कोटा के जेजे लोन हॉस्पिटल की बदइंतजामी और डॉक्टरों की लापरवाही की वजह हुई है। नवजातों के वार्डों में पानी टपकता रहता है, फिर भी वहां का प्रशासन अपनी गलती नहीं मान रहा है। आलम यह कि अस्पताल के ग्राऊंड में सूयर घूमते रहते हैं। वह आए दिन कैंपस में दिखाई देते हैं फिर भी  हॉस्पिटल ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। जिला प्रशासन से लेकर अस्पताल प्रबंधन तक इन बच्चों की मौत को नॉर्मल बता रहा है। वहीं डॉक्टरों ने किसी तरह की लापरवाही से भी इनकार किया है। 

कहीं इस वजह से तो नहीं हुई बच्चों की मौत
मीडिया  रिपोर्ट के अनुसार, इन बच्चों की मौत स्वाभाविक और सामान्य नहीं थी। बल्कि इनकी मौत के पीछे नवजात वार्ड में सीवर लीक समस्या बताई जा रही है। जिसके चलते इन मसूमों के शरीर में इन इनफेक्शन फैल सकता है। वहीं अस्पताल के सुप्रिटेंडेंट के मुताबिक नवजातों की मौत का मुख्य कारण उनका जन्म के वक्त कम वजन होना है।

पहली बार इस मामले पर सीएम ने कहा- ये कोई नई बात नहीं...
बता दें कि मीडिया ने जब सीएम गहलोत से 28 दिसंबर को बात की तो उन्होंने कहा-अन्य वर्षों की तुलना में इस साल कम मौते हुई हैं। पिछले 6 साल से में इस वर्ष इनकी संख्या कम हुई है। उन्होंने कहा- हर हॉस्पिटल में चार से पांच मौते तो होती ही रहती हैं। यहां कोई ये नई बात नहीं है। इसके बाद यूटर्न लेते हुए कहा-मैंने मामले की पूरी जांच करवाई है। इसके लिए शुक्रवार के दिन कोटा एक स्पेशल टीम भेजी है। जो दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अगले दिन उन्होंने कहा मेरे बयान को मीडिया में तोड़ मरोड़ के पेश किया है।

 

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