भयानक हादसा: पलभर में एक परिवार के 5 लोगों की दर्दनाक मौत, दादी की गोद में बैठी पोती भी नहीं बच सकी

लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद से देश के कई हिस्सों से दर्दनाक हादसों की खबरें सामने आने लगी हैं। ऐसी एक दिल दहला देने वाला हादसा राजस्थान में हुआ है। जिसमें कार सवार पांच लोगों की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 2, 2020 8:23 AM IST / Updated: Jun 02 2020, 02:02 PM IST

जयपुर. लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद से देश के कई हिस्सों से दर्दनाक हादसों की खबरें सामने आने लगी हैं। ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला हादसा राजस्थान में हुआ। जहां एक कार में सवार पांच लोगों की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई। 

मां-बेटी बच्ची की दादी और बड़े पापा की दर्दनाक मौत
दरअसल, यह भीषण एक्सीडेंट  चूरू जिले के सुजानगढ़-सालासर एनएच 52 पर हुआ। तेज स्पीड में आ रहे एक ट्रेलर ने सामने से आ रही ऑल्टो कार में टक्कर मार दी। कार मैं बैठी मां-बेटी बच्ची की दादी बड़े पापा और गाड़ी चालक की जान चली गई। भिड़ंत इतनी जबरदस्त थी कि ट्रेलर में घुसी कार को क्रेन से काटकर बाहर निकाला गया।

गर्भवती महिला को अस्पताल लेकर जा रहा था परिवार
सभी मृतक झुंझुनूं जिले  के निवासी थे और यह परिवार अपनी बहू निशा जो की तीन महीने की गर्भवती थी उसका इलाज कराने के लिए सोमवार सुबह सुजानगढ़ के लिए रवाना हुए थे। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही पूरी फैमिली हादसे का शिकार हो गई। हादसे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर दुख जताया है। 

पांच महीने पहले हुई थी कार चालक की शादी
पुलिस के मुताबिक, कार चलाने वाला युवक राजपाल सिंह मृतक महिपाल सिहं का पड़ोसी था। जो जयपुर के एक होटल में नौकरी करता था, उसकी शादी को अभी 5 महीने हे हुए थे कि वो अपनी पत्नी को छोड़कर चला गया। वहीं गर्भवती महिला का पति मोहन सिंह भारतीय सेना में सिपाही है जो फिलहाल फिरोजपुर में पदस्थ है।

प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कितना भयानक था हादसा
घटना स्थल पर मौजदू चस्मदीद एक क्रेशर मालिक विकास चौधरी ने बताया कि मैं अपने दोस्त के साथ मौके पर मौजूद था। मैंने देखा सालासर से एक कार आ रही थी, तभी सुजानगढ़ से आ रहे एक ट्राले ने ने उसको टक्कर मार दी। कार में बैठे लोग बरी तरह से चीख रहे थे, वह ट्रेलर और कार के बीच में फंसे हुए थे। बच्ची के गले में गाड़ी की रबड़ फंसी हुई थी वह चीख भी नहीं पा रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे उसके प्राण अपनी दादी की गोद में बैठे हुए निकल गए होंगे। लेकिन, जब तक हमने उनको निकालने की कोशिश की तो वह मर चुके थे। 
 

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