राजस्थान में बढ़ा सियासी संकट: पायलट गुट के विधायक ने दिया इस्तीफा, एक बार फिर गर्माने लगी सियासत

बाड़मेर के गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया है। जिसके बाद एक बार फिर से प्रदेश की सियासत तेज हो गई है। उन्होंने इस्तीफा की यह चिट्टी सोशल मीडिया के जरिए स्पीकर को भेजी है। 

Asianet News Hindi | Published : May 18, 2021 11:11 AM IST / Updated: May 18 2021, 05:01 PM IST

जयपुर. राजस्थान में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच अब सियासी संकट भी बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट खेमे से जुड़े विधायक एक फिर से सक्रिय होते हुए दिख रहे हैं। इसी बीच पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है।

सोशल मीडिया के जरिए भेजा इस्तीफा
दरअसल, मंगलवार को बाड़मेर के गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया है। जिसके बाद एक बार फिर से प्रदेश की सियासत तेज हो गई है। उन्होंने इस्तीफा की यह चिट्टी सोशल मीडिया के जरिए स्पीकर को भेजी है। जो तेजी से वायरल हो रही है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने इस मामले में अभी तक मीडिया का कोई जवाब नहीं दिया है।

'ढाई साल विधायक नहीं रहूंगा तो कोई बात नहीं'
वहीं विधायक हेमाराम चौधरी मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने अपना इस्तीफा ई-मेल और डाक के जरिए विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी मैंने अपना इस्तीफा भेजा था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया था। लेकिन पार्टी के कहने के बाद में अपना इरादा बदल दिया था। हालांकि उन्होंने इस बीच अपने इस्तीफे देने की वजह नहीं बताई है। विधायक ने कहा ढाई साल से विधायक हूं, बहुत हो गया, आगे ढाई साल नहीं रहूंगा तो क्या हो जाएगा।

पहले भी सरकार से कर चुके हैं बगावत
बता दें कि  हेमाराम चौधरी सचिन पायलट खेमे के विधायक हैं। वह पिछले साल पायलट के साथ बाड़ेबंदी में शामिल थे। जिन्होंने 19 विधायकों के साथ अपनी ही सरकार से बगावत की थी। वहीं इसी साल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अपनी ही पार्टी पर अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास के कामों में भेदभाव का आरोप लगाया था। बताया जाता है कि वह मंत्री नहीं बनाए जाने के बाद से सरकार से नाराज चल रहे थे। जबकि उनकी जगह पर विधायक हरीश चौधरी को मंत्री बना दिया गया था।

गहलोत सरकार पर फिर संकट के बादल
अपने ही सरकार के खिलाफ बगावती तेवर अख्तियार करने वाले वाले विधायकों में हेमाराम चौधरी के अलावा पूर्व मंत्री रमेश मीणा, विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, मुरारी लाल मीणा और पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह भी शामिल हैं। जो गहलोत सरकार के कामकाज पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। 

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