Round-up 2021: कोरोना से माता-पिता खोने वाले बच्चों का सहारा बनीं सरकारें, पढ़ाई से परवरिश तक का उठाया जिम्मा

Published : Dec 22, 2021, 08:00 AM IST
Round-up 2021: कोरोना से माता-पिता खोने वाले बच्चों का सहारा बनीं सरकारें, पढ़ाई से परवरिश तक का उठाया जिम्मा

सार

कोविड के कारण हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी। कई बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया और वे अनाथ हो गए। ऐसे में बच्चों की ओर मदद का हाथ बढ़ाया राज्य सरकारों ने। केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें कदम से कदम मिलाकर ऐसे बच्चों की पढ़ाई से लेकर परवरिश का जिम्मा उठाया।

जयपुर : साल 2021 के शुरुआती महीनों में पूरी दुनिया में कोरोना कहर बनकर टूटा। हिंदुस्तान भी इस खतरनाक वायरस की चपेट में था। कोविड के कारण हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी। कई बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया और वे अनाथ हो गए। ऐसे में बच्चों की ओर मदद का हाथ बढ़ाया राज्य सरकारों ने। केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारें कदम से कदम मिलाकर ऐसे बच्चों की पढ़ाई से लेकर परवरिश का जिम्मा उठाया। अनाथ बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए कई योजनाए शुरू की गईं। आइए आपको बताते हैं ऐसे बच्चों के लिए राज्य सरकारों ने क्या-क्या कदम उठाया...

राजस्थान सरकार
कोविड-19 (Covid-19) के कारण अनाथ हुए बच्चों का भविष्य संवारने राजस्थान सरकार ने बड़ा कदम उठाया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने इन बच्चों के लिए 'मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना' की घोषणा की। इस योजना के तहत में बेसहारा बच्चों को तत्काल प्रभाव से एक लाख की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया गया। इसके अलावा 18 साल की उम्र तक हर महीने ढाई हजार रुपये दिया जाएगा और 18 साल की आयु पूरी होने पर 5 लाख रुपए एकमुश्त सहायता दी जाएगी। ऐसे बच्चों को 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की सुविधा आवासीय विद्यालय और छात्रावास के माध्यम से निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। कोविड-19 महामारी के कारण बेसहारा हुई कॉलेज की छात्राओं को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के छात्रावासों में प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। कॉलेज में पढ़ने वाले बेसहारा छात्रों को 'अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना का लाभ मिलेगा। कोविड महामारी से प्रभावित निराश्रित युवाओं को मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने में प्राथमिकता दी जाएगी।

मध्यप्रदेश सरकार
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए 'मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना' शुरू की है। इसमें ऐसे बच्चों को प्रति परिवार प्रतिमाह पांच हजार रुपए की राशि पेंशन के रूप में दी जाएगी। इसके साथ ही इनकी निशुल्क पढ़ाई की व्यवस्था सरकार करेगी। उन्हें निशुल्क राशन भी दिया जाएगा। बच्चों के पिता की मृत्यु पर माता को काम-काज के लिए सरकार जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिलवाएगी।

छत्तीसगढ़ सरकार
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भी बीमारी के शिकार हुए परिवारों के बच्चों के लिए योजना का ऐलान किया गया। ऐसे बच्चे जिन्होंने अपने माता-पिता को कोरोना के कारण खो दिया है, उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च अब छत्तीसगढ़ सरकार उठाएगी। साथ ही पहली से आठवीं तक के ऐसे बच्चों को 500 रुपए प्रतिमाह और 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को एक हजार रुपए प्रतिमाह की छात्रवृत्ति भी राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। शासकीय या प्राइवेट किसी भी स्कूल में पढ़ाई करने पर ये बच्चे इस छात्रवत्ति के लिए पात्र होंगे।

उत्तर-प्रदेश सरकार
उत्तर-प्रदेश (Uttar Pradesh) में बाल सेवा योजना के तहत अनाथ बच्चों के केयर टेकर को चार हजार रुपए हर महीने दिए जाएंगे। 10 साल से कम उम्र के बच्चों को राजकीय बाल गृह में रखा जाएगा। लड़कियों के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में व्यवस्था की जाएगी। कोरोनाकाल में अनाथ हुई लड़की की शादी के लिए सरकार एक लाख एक हजार रुपए देगी।

बिहार सरकार
बिहार (Bihar) में भी कोरोना के दौरान माता-पिता खोने वाले बच्चों को नीतीश सरकार बाल सहायता योजना के तहत 18 साल होने तक 1500 रुपए देगी। बालगृह में अनाथ बच्चों के रहने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही बेसहारा हुईं लड़कियों को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भेजा जाएगा, जिसका पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी।

हरियाणा सरकार
हरियाणा (Haryana) में अनाथ बच्चों के केयर टेकर को हर महीने 2500 रुपए सरकार देगी। पढ़ाई शुरू करने के बाद 18 साल की उम्र तक 12 हजार रुपए हर साल सरकार की तरफ से दिए जाएंगे। बच्चों की देखभाल बाल देखभाल संस्थान करेंगे और बाल देखभाल संस्थान को 1500 रुपए प्रति बच्चा प्रति महीना 18 साल तक सहायता भी सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। लड़कियों की पढ़ाई बालिका विद्यालयों में की जाएगी। अभी इनके खाते में 51 हजार रुपए डाले जाएंगे और शादी तक ब्याज राशि सहित इन्हें दे दिए जाएंगे। 8वीं से 12वीं तक के बच्चो को टैबलेट मिलेगा।

पंजाब सरकार
पंजाब (punjab) की सरकार ने भी ऐसे बच्चों को लिए मदद का हाथ बढ़ाया। जिन परिवार में बच्चों ने अपने माता पिता को खो दिया उनको हर महीने 1500 रुपए पेंशन के तौर पर दिए जाएंगे। ऐसे बच्चों के ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। मुफ्त शिक्षा के साथ साथ सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक मदद भी की जाएगी। ऐसे बच्चों के साथ साथ उनके परिवार के बच्चों के लिए सरकारी स्कूल में मुफ्त शिक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी। जब तक बच्चे 21 साल के नहीं हो जाएंगे तब तक उनको इस सुविधा का लाभ मिलेगा और अगले 3 साल तक ये योजना पंजाब में लागू रहेगी और उसके बाद करोना की स्थिति को देखते हुए इसे बढ़ाया जा सकता है।

गुजरात सरकार
गुजरात (gujrat) में भी ऐसे बच्चों के लिए सरकार ने कदम उठाया। कोविड के दौरान अनाथ हुए बच्चों को 18 साल की उम्र तक चार हजार रुपए दिए जाएंगे। पढ़ाई जारी रखने पर 6 हजार रुपए सरकार की तरफ से दिए जाएंगे। अनाथ बच्चों को छात्रवृत्ति और सभी सरकारी योजनाओं और शिक्षा लोन में प्राथमिकता दी जाएगी।

उत्तराखंड सरकार
उत्तराखंड (Uttarakhand) की बीजेपी सरकार ने अनाथ बच्चों को 21 साल की उम्र तक फ्री शिक्षा और तीन हजार रुपए हर महीने देने का फैसला किया। अनाथ बच्चों को रोजगार से पहले पूर्व प्रशिक्षण भी मिलेगा। अनाथ बच्चों को सरकारी नौकरियों में पांच फीसदी आरक्षण दिया जाएगा, ताकि उनके जीवन यापन में किसी भी तरह की परेशानी न हो।

इसे भी पढ़ें-Round-up 2021 : इस साल की 10 तस्वीरें, किसी ने गुदगुदाया तो किसी ने इमोशनल किया, कुछ दे गईं जिंदगी की बड़ी सीख

इसे भी पढ़ें-Round-up 2021:शिवराज सिंह चौहान से योगी आदित्यनाथ तक की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर हुईं वायरल,बटोरीं सुर्खियां

 

PREV

राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

दूल्हा बन शाही राजा लगे कथावाचक इंद्रेश,दुल्हन का लुक था प्रिंसेज जैसा
Jaipur Honor Killing: 25 में पति की मौत, 30 में हुआ प्यार तो ससुराल वालों ने दोनों को जिंदा जलाया