इंजीनियरिंग के 13 में 12 स्टूडेंट्स को माना आतंकी,उम्रकैद सजा,सिमी के लिए करते थे काम,सिद्ध करने में लगे 7 साल

पिछले सात साल से कोर्ट में ट्रायल चल रहा था। इस केस में अभियोजन पक्ष ने 178 गवाह और 506 डॉक्यूमेंट्री एविडेंस कोर्ट में पेश किए हैं। इसमें सरकारी वकील लियाकत खान ने पैरवी की।

Asianet News Hindi | Published : Mar 30, 2021 11:32 AM IST / Updated: Mar 30 2021, 05:55 PM IST

जयपुर (Rajasthan) । सिमी की स्लीपर सेल से जुड़े सात साल पुराने मामले में मंगलवार को जिला अदालत ने सिमी के 13 सदस्यों में से 12 को आतंकी करार दिया है। जिन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जबकि एक को बरी कर दिया है। इन पर आरोप था कि ये प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े हैं और राजस्थान में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बम बनाने जैसे कामों में लगे हैं। बता दें कि ये सभी इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स थे, जो आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के लिए काम करते थे। इन्हें 2014 में एटीएस और एसओजी ने अरेस्ट किया था। 

कोर्ट ने इन्हें आतंकी करार दिया
-मोहम्मद मारुफ पुत्र फारुक इंजीनियर, डी 105, संजय नगर, झोटवाड़ा, जयपुर
- वकार अजहर पुत्र मोहम्मद तस्लीम रजा, 20 पुराना चूड़ीघरों का मोहल्ला, पाली
- मोहम्मद अम्मार यासर पुत्र मोहम्मद फिरोज खान, उम्र 22 साल, निवासी काजी मोहल्ला शेरघाटी, गया (बिहार)
-मोहम्मद सज्जाद पुत्र इकबाल चौहान (32), अन्जुम स्कूल के पास, मोहल्ला कुरैशीयान, सीकर
- बरकत अली पुत्र लियाकत अली (28), मकान नं 8, हाजी स्ट्रीट, शान्तिप्रिय नगर, जोधपुर
- मोहम्मद साकिब अंसारी पुत्र मोहम्मद असलम (25), ए 45, बरकतुल्ला कॉलोनी, जोधपुर
-अशरफ अली खान पुत्र साबिर अली (40), 653, लायकान मोहल्ला, जोधपुर
-मोहम्मद आकिब पुत्र अशफाक भाटी (22), मोहल्ला जमीदारान वार्ड 13, सीकर
- मोहम्मद उमर पुत्र डॉ. मोहम्मद इलियास (18), जमीदारान वार्ड 2, सीकर
- अब्दुल वाहिद गौरी पुत्र मोहम्मद रफीक (26), मोहल्ला कुरैशियान, वार्ड 31, सीकर
-मोहम्मद वकार पुत्र अब्दुल सत्तार (22), मोहल्ला रोशनगंज, वार्ड 13, सीकर
-अब्दुल माजिद उर्फ अद्दास पुत्र असरार अहमद (21), मोहल्ला जमीदारान वार्ड 12, सीकर
-मशरफ इकबाल पुत्र छोटू खां (32), नई सड़क, गुलजारपुरा, जोधपुर को बरी किया गया है।

178 गवाह और 506 डॉक्यूमेंट्री एविडेंस पेश 
पिछले सात साल से कोर्ट में ट्रायल चल रहा था। इस केस में अभियोजन पक्ष ने 178 गवाह और 506 डॉक्यूमेंट्री एविडेंस कोर्ट में पेश किए हैं। इसमें सरकारी वकील लियाकत खान ने पैरवी की।

इंटरनेट के जरिए संपर्क में आए थे सभी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तब ATS ने यह भी दावा किया था कि सिमी की स्लीपर सेल को एक्टिव करने के लिए जयपुर से गिरफ्तार हुए मारुफ के रिश्तेदार उमर ने इंटरनेट के जरिए संपर्क कर इन युवकों को संगठन से जोड़ा था। इसके बाद ये युवक एक्टिव होकर आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गए। ये किसी साजिश को अंजाम दे पाते, इससे पहले ही एटीएस और एसओजी ने स्लीपर सेल से जुड़े इन 13 युवकों को पकड़ लिया। 

दिल्ली में किए गए थे गिरफ्तार
दिल्ली में गिरफ्तार हुए आतंकियों से मिले इनपुट के आधार पर राजस्थान में एटीएस और एसओजी  की टीमों ने 2014 में जयपुर, सीकर और कुछ दूसरे जिलों में 13 संदिग्ध युवकों को गिरफ्तार किया था।  

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