जब किसी की मौत के बाद आत्मा को घर ले जाने शुरू हुआ अंधविश्वास का चौंकाने वाला खेल

तंत्र-मंत्र के जरिये अपने किसी प्रिय की आत्मा से मिलने का ऐसा अंधविश्वास अकसर राजस्थान में देखने को मिलता रहता है। शुकवार को जोधपुर में मथुरादास माथुर अस्पताल में दो लोग हाथों में तलवार लेकर ट्रामा सेंटर में घुस गए। वे अपने बच्चे की आत्मा लेने आए थे। इससे पहले भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में भी ऐसी ही तस्वीर सामने आई थी।

Asianet News Hindi | Published : Aug 22, 2020 4:27 AM IST

जयपुर, राजस्थान. मरने के बाद कोई जिंदा नहीं होता। कहते हैं कि उनकी आत्मा जरूर होती हैं। लेकिन आत्मा को बुलाने या उन्हें अपने साथ ले जाने की कोशिशें महज अंधविश्वास हैं। राजस्थान में अकसर आत्मा को अपने साथ घर ले जाने के अंधविश्वास सामने आते रहे हैं। नया मामला शुक्रवार को जोधपुर में मथुरादास माथुर अस्पताल में देखने को मिला। यहां दो लोग हाथ में तलवार लहराते हुए ट्रामा सेंटर में जा घुसे। वे किसी पर हमला करने नहीं आए थे, बल्कि दो साल पहले मरे अपने बच्चे की आत्मा लेने पहुंचे थे। तांत्रिक ने बताया था कि उनके बच्चे की आत्मा अस्पताल में भटक रही है। बच्चे की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई थी।

अस्पताल में मचा हड़कंप

शास्त्री नगर थानाधिकारी राजेंद्रसिंह राजपुरोहित ने बताया कि पाली के जाडन निवासी भंवरलाल और भूपतराम शुक्रवार को अस्पताल में घुस आए थे। उन्हें गिरफ्तार(नीचे की तस्वीर) कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे की मौत के बाद घर में अकसर कोई न कोई बीमार बना रहता था। इस पर तांत्रिक बुलाया गया। उसने बताया कि जिस अस्पताल में बच्चे की मौत हुई है, वहां उसकी आत्मा भटक रही है। उसे अस्पताल से घर लाकर मुक्ति दिलानी होगी। इसके बाद दोनों नींबू, तलवार और टोटके का अन्य सामान लेकर अस्पताल पहुंच गए थे।

35 साल पहले मरे लोगों की आत्मा ढूंढने अस्पताल पहुंचे

पहली तस्वीर 2017 में भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में सामने आई थी। यहां रायला क्षेत्र के कुंडिया गांव की रहने वाली किसी महिला की 35 साल पहले प्रसव के दौरान मौत हो गई थी। गर्भ में पल रहे बच्चे को भी नहीं बचाया जा सका था। दोनों की आत्मा लेने परिवार के दर्जनभर लोग अस्पताल में जादू-टोना करते मिले थे।

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