दिव्यांग-गरीबों का सहारा बना नारायण सेवा संस्थान, जीवन में भर रहा खुशियां, सपनों को दे रहा नई उड़ान

नारायण सेवा संस्थान अपने नेक कामों के साथ असहायों को न केवल जीने की एक नई राह दिखा रहा है बल्कि उनके सपनों को नई उड़ान भी दे रहा है। ऐसे लोग जो कभी अपने पैरों पर खड़े होने की भी उम्मीद खो चुके थे, संस्थान उन्हें सशक्त बना रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 17, 2021 5:01 PM IST

उदयपुर : नारायण सेवा संस्थान (narayan seva sansthan) दिव्यांगों और गरीबों के जीवन में खुशियों के रंग भर रहा है। संस्थान अपने नेक कामों के साथ असहायों को न केवल जीने की एक नई राह दिखा रहा है बल्कि उनके सपनों को नई उड़ान भी दे रहा है। ऐसे लोग जो कभी अपने पैरों पर खड़े होने की भी उम्मीद खो चुके थे, संस्थान उन्हें सशक्त बना रहा है। आइए आपको बताते हैं इस संस्थान द्वारा हाल ही में किए गए उन नेक कामों को, जो लोगों को सेवा के लिए प्रेरित करती हैं।  

इंद्रजीत बान के सपनों को लगा पंख
नारायण सेवा संस्थान एक गैर सरकारी संगठन है, जो 1985 से दिव्यांगों के लिए निशुल्क सुधारात्मक सर्जरी प्रदान कर रहा है। ऐसे लोगों की कई कहानियां हैं जो आर्थिक रूप से मजबूत पृष्ठभूमि से नहीं हैं और जिनका सहयोग करना बीमा कंपनियों के लिए एक चुनौती है। ऐसी ही एक कहानी है महाराष्ट्र (Maharashtra) के परभणी के 5 साल के इंद्रजीत बान की।
इंद्रजीत एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। 5 साल की उम्र में उनका परिवार इलाज के लिए उदयपुर (Udaipur) में नारायण सेवा संस्थान परिसर में गए थे, क्योंकि वह चलने में सक्षम नहीं थे। इस स्थिति के कारण उनकी शिक्षा प्रभावित हुई थी। उन्होंने अपने दाहिने पैर की मुफ्त सुधारात्मक सर्जरी करवाई, जिससे उन्हें सामान्य जीवन जीने का मौका मिला। इंद्रजीत आज किसी अन्य सामान्य व्यक्ति की तरह चल-फिर सकते हैं और स्कूल भी जाते हैं। उनके पिता दिलीप बान बेटे के सामान्य होने पर काफी खुश हैं। उनका कहना है कि नारायण सेवा संस्थान के बिना उनके बेटे का इतना महंगा इलाज कराना कभी संभव नहीं होता।

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अयान अली के जीवन में भर दी खुशियां
ऐसी ही एक कहानी है 11 साल के अयान अली की है, जिसका दाहिना पैर बाएं से छोटा था, जिससे उसकी उम्र के बाकी बच्चों की तरह उसका सामान्य रूप से चलने में उसका जीवन मुश्किल हो गया था। कानपुर (kanpur) से अली की मां सीमा बानो ने निदान के लिए नारायण सेवा संस्थान का दौरा किया, जहां उन्हें इलाज के लिए सर्जरी की सुविधा दी गई। सीमा बानो कहती हैं, हमारे पास अपने बच्चे के इलाज के लिए पर्याप्त संसाधन और कमाई नहीं है। इलाज उतना सस्ता नहीं है जिससे अली जैसे बच्चों के लिए सामान्य जीवन जीना और भी मुश्किल हो जाता है। हमें लगता है कि नारायण सेवा संस्थान अली जैसे बच्चों के लिए सुधारात्मक सर्जरी करने और उन्हें जीवन के प्रति एक अलग दृष्टिकोण देने का यह नेक काम कर रहा है। नारायण सेवा संस्थान में की गई सर्जरी ने हमारे बेटे में उल्लेखनीय बदलाव दिखाया है, जहां वह बेहतर ढंग से चल पाता है।

दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाना लक्ष्य
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल कहते हैं कि दिव्यांग लोगों के बीच असमानता देश में जितनी दिखती है, उससे कहीं अधिक है। मुफ्त स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास की पेशकश करने वाले हमारे अथक प्रयास इस अंतराल को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों और स्वयं के लिए योगदान देने के लिए दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की जरूरत है। हमें लगता है कि बीमा कंपनियां दिव्यांगों को अफोर्डेबल और बेहतर कवरेज प्रदान करने के लिए हमारे साथ सहयोग कर सकती हैं। बीमा योजना में अच्छे कवरेज के साथ सुलभ और किफायती जैसे गुण होने चाहिए। निशक्तजन की योग्यता और उनकी समग्र स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार के अनुसार उनके लिए विशेष बीमा योजनाएं होनी चाहिए।

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