अशोक गहलोत सरकार के तीन साल, जाने कैसा रहा राजस्थान के विकास का हाल, कभी सचिन पायलट से खटास, कभी यू-टर्न

तीसरी बार 2018 में गहलोत मुख्यमंत्री बने। अब तीन साल पूरे हो गए हैं। इसमें से आधा समय कोरोना से लड़ाई में बीत गया और काफी समय सचिन पायलट से विवादों में। इन तीन सालों में कांग्रेस सरकार ने कई फैसलों पर यू-टर्न भी लिया, जिससे सरकार की काफी किरकिरी हुई।

Asianet News Hindi | Published : Dec 17, 2021 7:31 AM IST

जयपुर : राजस्थान (Rajasthan) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के तीन साल शुक्रवार को पूरे हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर ट्वीट कर प्रदेश की जनता को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर राजस्थान के चहुंमुखी विकास के लिए पूरी निष्ठा से अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि राज्य की संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सरकार के सफल 3 वर्ष पूर्ण होने पर मैं सभी को हार्दिक बधाई देते हुए प्रदेशवासियों की खुशहाली, सुख-समृद्धि, स्वस्थ जीवन और चहुंमुखी विकास की कामना करता हूं। इस मौके पर सरकार की ओर से तीन सालों के काम का लेखा-जोखा जनता के सामने रखने के साथ-साथ ही जश्न की भी मनाया जा रहा है। भले ही कांग्रेस इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर जनता के सामने पेश कर रही है लेकिन सच ये भी है कि ये साल कांग्रेस सरकार के लिए विवादों से भरे रहें। जिसमें कभी अशोक गहलोत के सचिन पायलट खेमे से खटास की खबरें हो या कई फैसलों पर सरकार का यू-टर्न।

सेवा ही धर्म-सेवा ही कर्म के तहत कार्यक्रम  
सरकार के कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य सरकार के तीन साल सफलतापूर्वक पूरे होने पर 'सेवा ही धर्म-सेवा ही कर्म' के संकल्प के तहत कई आयोजनों में शामिल होंगे। 18 और 19 दिसंबर को 'आपका विश्वास-हमारा प्रयास' कार्यक्रम के तहत सीएम राजस्थान की आम जनता को करीब 14 हजार करोड़ की लागत वाली 3,700 विभिन्न विकास योजनाओं की सौगात देंगे। बता दें कि बीते बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सभी कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई गई।

जिला स्तर पर कार्यक्रम
इसके अलावा सरकार के कामों को जिला और देहातों तक लोगों को बताने के लिए राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य 20 और 21 दिसंबर को जिला स्तरीय समारोह में विकास प्रदर्शनी, जिला स्तर पर कई तरह के कार्यक्रमों का शुभारम्भ, लोकार्पण एवं शिलान्यास करेंगे। वहीं पत्रकार वार्ता के जरिए पिछले 3 साल के सरकार के कामकाज के बारे में जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए गहलोत 18 दिसंबर को सुबह 11 बजे जवाहर कला केंद्र में राज्य सरकार की तीन साल की उपलब्धियों पर आधारित चार दिवसीय प्रदर्शनी आपका विश्वास-हमारा प्रयास का उद्घाटन करेंगे। 19 दिसंबर को गहलोत 500 से अधिक थानों के स्वागत कक्ष और 12 नए थाना भवनों का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री अनुप्रीति कोचिंग योजना, अम्बेडकर डीबीटी वाउचर योजना, आई एम शक्ति उड़ान योजना, जागृति बैक टू वर्क योजना और लगभग 200 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूलों का भी शुभारंभ करेंगे।

तीन साल में कई विवाद
गहलोत सरकार के तीसरे कार्यकाल के तीन साल 17 दिसंबर को पूरे हो गए हैं। पहली बार वह 1998 में मुख्यमंत्री बने थे। तब अकाल में उन्होंने शानदार काम किया था लेकिन 2003 में चुनाव हार गए थे। दूसरी बार गहलोत 2008 में मुख्यमंत्री बने, लेकिन ठीकठाक काम के बावजूद 2013 में चुनाव हार गए थे। तब कहा गया था कि केन्द्र की मनमोहन सिंह सरकार के  खिलाफ अन्ना आंदोलन से उपजे असंतोष का खामियाजा गहलोत को उठाना पड़ा। तीसरी बार 2018 में गहलोत मुख्यमंत्री बने। अब तीन साल पूरे हो गए हैं। इसमें से आधा समय कोरोना का मुकाबला करने में बीत गया और बाकी का आधा समय सचिन पायलट से निपटने में। जुलाई 2020 में सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद बर्खास्त किए गए। सचिन पायलट को बगावत के बाद खुद सीएम गहलोत ने नाकारा-निकम्मा कहा, बाद में जब सुलह हुई तो फॉरगेट एंड फॉरगिव की बात कहकर रुख बदल लिया। जिससे सरकार की काफी किरकिरी भी हुई।

अपने ही फैसलों को कई बार बदला
अपने तीसरे टर्म में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ही फैसलों पर कई बार यू-टर्न लिया। उन्होंने सत्ता में आते ही निकाय प्रमुखों के सीधे चुनाव का प्रावधान लागू किया। कुछ महीने बाद ही लगा कि कांग्रेस को नुकसान होगा तो वापस बदल दिया। जिन फैसलों को उन्होंने बदला उनमें कई फैसले शामिल हैं।

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