'जाको राखे साइयां मार सके ना कोई' इस कहावत को सही कर दिखाया है राजस्थान के एक युवक ने। दो दिन तक कुएं में गिरने के बाद भी वह जिंदा रहा। युवक एक पत्थर के सहारे दो दिन तक टिका रहा था। जब लोगों ने उसकी चीखने की अवाजें सुनीं तो उसको बाहर निकाला गया।
चितौड़गढ़ (राजस्थान). 'जाको राखे साइयां मार सके ना कोई' इस कहावत को सही कर दिखाया है राजस्थान के एक युवक ने। दो दिन तक कुएं में गिरने के बाद भी वह जिंदा रहा। युवक एक पत्थर के सहारे दो दिन तक टिका रहा। जब लोगों ने उसकी चीखने की अवाजें सुनीं तो उसको बाहर निकाला गया। हालांकि, वो सुरक्षित है लेकिन, उसके हाथों की चमड़ी सफेद पड़ गई है।
दो दिन तक चीखता रहा युवक, किसी ने नहीं सुनी आवाज
बाहर निकने के बाद लड़के की पहचान देवीलाल कुम्हार के रुप में हुई,जो मध्य प्रदेश का रहने वाला है। उसने बताया कि दो दिन पहले मेरे जीजा मुझे बाइक से लेकर अपने साथ शनि महाराज मंदिर लेकर आया था। रास्ते में बाइक का पेट्रोल चेक करने के लिए उन्होंने एक लड़की तोड़ने के लिए कहा, जब में झाड़ियों में एक कुएं के पास गया तो जीजा ने धकेल दिया और भाग गया। मैं चीखता-चिल्लाता रहा, लेकिन किसी ने मेरी कोई आवाज नहीं सुनी।
लड़के को देख हैरान रह गए युवक
शनिवार के दिन जब ग्रामीण इसी कुएं में गिरे बकरे को निकालने गए तो अंदर से बचाओ-बचाओ की आवाज आ रही थी। ग्रामीणों ने कुंए में झांका तो युवक को देखकर वह हैरान रह गए। जहां एक लड़का पानी में पत्थर के सहारे टिका हुआ था। फिर ग्रामीणों ने बकरे के साथ उसको भी बाहर निकाला।