
भरतपुर. राजस्थान में इंटरनेट बंद करना बच्चों के खेल जैसा हो गया है। उदयपुर में बवाल के बाद चार से पांच दिन इंटरनेट बंद किया गया था उसके बाद जैसे तैसे जीवन पटरी पर आने लगा। अब भरतपुर में आज दोपहर से कल दोपहर के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है। जिले के लगभग पूरे इलाके में ही आगामी चौबीस घंटे के लिए नेट बंदी की गई है। इंटरनेट बंद करने की यह वजह बेहद ही चौकाने वाली है। मामला बढ़ता बढता इतना बढ़ गया है कि अब प्रशासन ने अपने अंतिम हथियार का इस्तेमाल भी कर लिया है।
पहाड़ बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं साधु, 550 दिन से धरने पर
दरअसल भरतपुर में एक आश्रम और मंदिर से जुड़े कुछ साधु पिछले पांच सौ दिन से भी ज्यादा समय से धरने पर बैठे हुए हैं। उनका कहना है कि भरतपुर और धौलपुर जिलों में अवैध माइनिंग के चलते पहाड़ नष्ट हो रहे हैं। हर दिन सैंकड़ों ट्रक और ट्रोलियां पत्थर अवैध खनन के जरिए निकाला जा रहा है। ऐसे में सरकार और लोकल प्रशासन को भी इसकी जानकारी है लेकिन वे इसे रोकने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। आश्रम से जुडे दो साधु बाबा हरि बोलदास और बाबा नानायण दास भरतपुर और आसपस के जिलों में फैले दो पर्वतों को बचाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। ये पर्वत हैं आदी बद्रिका और कनिकाचंल पर्वत। इन दोनो पर्वतों को बचाने के लिए लगातार संघर्ष किया जा रहा है। पांच सौ पचास दिन से लगातार धरने दिए जा रहे हैं।
पिछले सप्ताह कहा था आत्मदाह करुंगा आज, जिम्मेदार सरकार होगी
कइ महीनों के धरनों के बाद भी जब कोई ठोस कदम सरकार ने नहीं उठाय तो बाबा हरिबोल दास ने मंगलवार यानि आज 19 जुलाई को आत्मदाह करने की धमकी दी। इससे डरकर भरतपुर के मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने सोमवार को ही बाबा और आश्रम के संचालकों बातचीत कर धरना खत्म कराया था और जल्द से जल्द खनन रोकने की बात कही थी। बाबा हरिबोल दास ने फिलहाल आत्मदाह की धमकी को तो टाल दिया लेकिन बाबा नारायण दास आज सवेरे करीब पांच बजे ही आश्रम के नजदीक एक टावर पर चढ़ गए और कूदने की धमकी देने लगे। सवेरे करीब पांच बजे से वे टावर पर मौजूद हैं। वहां पर उनको नीचे उतारने की कोशिश की जा रही है। बताया जा रहा है कि प्रशासन सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रहा है इसलिए कल दोपहर तक यानि 20 जुलाई दोपहर तक इंटरनेट बंद कर दिया गया है। बता दें कि भरतपुर की कांमा, पहाड़ी, डीग, नगर और सीकर तहसील में फिलहाल इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है। इस क्षेत्र को और भी बढ़ाया जा सकता है।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।