भरतपुर में 551 दिन से चल रहा साधुआों का धरना खत्म, सरकार और संतों के बीच कैसे बनी बात...क्या निकला रास्ता?

Published : Jul 21, 2022, 10:55 AM ISTUpdated : Jul 21, 2022, 10:58 AM IST
भरतपुर में 551 दिन से चल रहा साधुआों का धरना खत्म, सरकार और संतों के बीच कैसे बनी बात...क्या निकला रास्ता?

सार

राजस्थान में भरतपुर में संत बाबा विजय दास ने खुद को आग लगाने से मचा बवाल आज थम गया है। सरकार के आदेश के बाद संतों ने  551 दिन से चल रहा धरना खत्म कर दिया गया है। साथ ही इंटरनेट सेवाएं भी बहाल कर दी गई हैं। 

भरतपुर (राजस्थान). भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में स्थित पौराणिक महत्व रखने वाले पर्वत आदिबद्री और कनकांचल पर्वत को लेकर मचे बवाल के बाद आखिर अब रास्ता निकाल लिया गया है। कलक्टर भरतपुर और पर्यटन मंत्री ने आश्वासन दिया है कि लीज को दूसरी तगह शिफ्ट करने का काम सिर्फ पंद्रह दिन में शुरु कर देंगे और उसके बाद पंद्रह दिन में ही वन क्षेत्र घोषित कर दिया जाएगा। जहां पर विवाद है वहां पर अब खनन नहीं होगा, खनन को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाएगा। इस आश्वासन क बाद अब 551 दिन से चल रहा धरना खत्म कर दिया गया है। साथ ही प्रभावित क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं भी बहाल कर दी गई हैं। 

बाबा के आग लगाने के बाद पहुंचे थे कलक्टर और मंत्री
बुधवार को बाबा विजय दास ने जब खुद को आग के हवाले कर लिया था तब कलक्टर आलोक रंजन और पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह डीग क्षेत्र में स्थित पासोपा धाम पहुंचे थे। उसके बाद मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने सभी साधु संतो से समझाईश की और फिर जाकर पांच सो पचास दिन से चल रहा धरना समाप्त हुआ। मंत्री और कलक्टर ने साधं संतों को जल्द ही पर्वत से खनन को पूरी तरह से हटाने की बात कही है। 

कलेक्टर ने संतों को सरकारी आदेश पढ़कर सुनाया तब माने संत 
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बुधवार दोपहर ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खनन, गृह और अन्य विभाग की बैठक ली थीं उसके बाद इस बैठक में हुए फैसले को कलक्टर भरतपुर के पास भेजा गया था। यह फैसला भरतपुर कलेक्टर ने सभी संतों को पढ़कर सुनाया तब जाकर संतों ने धरना स्थल को छोड़ा। कलक्टर आलोक रंजन ने पढ़कर सुनाया कि सरकार ने निर्देा दिए हैं कि 15 दिन में आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र को सीमांकित कर वन क्षेत्र घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी। सरकार आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में संचालित वैध खदानों को अन्य स्थान पर पुनर्वासित करने की योजना बनाएगी।  जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने बताया इस पूरे क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाने को लेकर भी प्रयास शुरु कर दिए गए हैं। कलेक्टर आलोक रंजन ने बताया कि यह समस्त कार्य राज्य सरकार द्वारा 2 माह में पूरे कर लिए जाएंगे।

दो दिन से बंद था इंटरनेट, आज कर दिया गया बहाल
उधर धरना खत्म होने के बाद भी इंटरनेट बंदी भरतपुर में जारी थीं। भरतपुर की पांच तहसील में जारी नेट बंदी को आज दोपहर बारह बजे तक बढाया गया था। लेकिन माहौल शांत होने के बाद आज दोपहर से पहले ही आज सवेरे करीब दस बजे ही सभी प्रभावित क्षेत्रों से इंटरनेट बंदी को हटा लिया गया है। नेट सुविधाएं सुचारू कर दी गई हैं।

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