राजस्थान के नए डीजीपी बनाए गए उमेश मिश्रा, गहलोत सरकार के रहे थे संकटमोचक, जानें क्यों मिली कमान

राजस्थान पुलिस को नया डीजीपी मिल गया है। डीजी इंटेलीजेंस उमेश मिश्रा को प्रदेश का नया पुलिस मुखिया बनाया गया है। अगले सप्ताह वे डीजीपी पद पर कार्यभार ग्रहण करेंगे। 

Ujjwal Singh | Published : Oct 28, 2022 6:17 AM IST

जयपुर(Rajsthan). राजस्थान पुलिस को नया डीजीपी मिल गया है। डीजी इंटेलीजेंस उमेश मिश्रा को प्रदेश का नया पुलिस मुखिया बनाया गया है। अगले सप्ताह वे डीजीपी पद पर कार्यभार ग्रहण करेंगे। उनको सीएम अशोक गहलोत ने कई अन्य सीनियर अफसरों में से चुना है। सीएम के बेहद नजदीकी माने जाने वाले अफसर मिश्रा अब एक पंथ दो काम करेंगे। अगले साल होने वाले चुनाव में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रहेगी और इससे पहले सरकार ने राजस्थान पुलिस के सबसे बड़े अधिकारी के रुप में ब्राह्मण अफसर को तैनात कर ब्राह्मण वर्ग को खुश करने की कोशिश की है। उत्तर प्रदेश में जन्में उमेश मिश्रा 1989 बैच के आईपीएस अफसर हैं। 

01 मई 1964 को यूपी के कुशीनगर में जन्मे उमेश मिश्रा को देर रात डीजीपी चुना गया है। इससे पहले वे डीजी इंटेलीजेंस पद पर कार्यरत थे। अभी उनके रिटायरमेंट में डेढ़ साल बाकी हैं। वे चूरू, भरतपुर, कोटा और पाली में एसपी रह चुके हैं। उनकी गिनती सरकार के विश्वासपात्र अफसरों के साथ ही तेज तर्रार और तुंरत फैसले लेने वाले अफसरों की भी है। उमेश मिश्रा कई जिलों में पुलिस अधीक्षक रहने के अलावा 1999 से 2005 तक असिस्टेंट डायरेक्टर आईबी दिल्ली में पदस्थ रह चुके हैं। उसके बाद डीआईजी एसीबी और आईजी एटीएस रहे हैं। 

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गहलोत सरकार के संकटमोचक रहे हैं नए डीजीपी 
उमेश मिश्रा अशोक गहलोत सरकार के संकटमोचक भी रहे हैं। दो साल पहले जब सरकार पर गिरने का संकट आया था और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलेट पर बगावत करने का आरोप लगा था उस समय उमेश मिश्रा डीजी इंटेलीजेंस थे। उस पूरे घटनाक्रम के दौरान उमेश मिश्रा की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही थी। उमेश मिश्रा का नाम दस सीनियर आईपीएस अफसरों की सूची में शामिल था। इस सूची को केंद्र सरकार के पास भेजा गया था और उनमें से तीन अफसरों के नाम केंद्र ने वापस भेजे थे। इन तीन अफसरों में उमेश मिश्रा को प्राथमिकता दी गई। 

2019 से लगातार डीजी इंटेलीजेंस 
आईजी पद पर प्रमोट होने के बाद वे एक बार फिर से एसीबी में गए। फिर आईजी जोधपुर, एडीजी एटीएस एसओजी, एडीजी एसडीआरएफ, एडीजी सिविल राइट्स रहने के बाद वे लगातार 2019 से डीजी इंटेलीजेंस के पद पर रहे हैं। अब वे डीजीपी बना दिए गए हैं। हांलाकि इंटेलीजेंस में रहते हुए उनका कार्यकाल उस स्तर का नहीं रहा है।

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