
दौसा (राजस्थान). दृश्यम फिल्म के सस्पेंस ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है, लेकिन इससे भी खतरनाक केस राजस्थान से सामने आया है । राजस्थान के इस केस ने दृश्यम मूवी को भी बौना साबित कर दिया है। एक आदमी अपनी पत्नी की हत्या के केस में जेल काटा आया। ₹1000000 का कर्जा कर लिया । लेकिन पुलिस एवं कोर्ट को यह साबित नहीं कर सका कि उसने अपनी पत्नी की हत्या नहीं की है। 2 साल जेल काटने के बाद जमानत मिली । जेल से बाहर आया। उसके बाद अचानक चमत्कार हुआ और वह अपनी पत्नी को खोज लाया। 2 राज्यों की पुलिस ने इस केस को देखा, परखा, जांचा तो उसके बाद अपना सिर नोच लिया। दांतो तले नाखून चबाने लगे। सस्पेंस और थ्रिलर से भरी हुई यह सच्ची कहानी राजस्थान के दौसा शहर की है।
चलिए शुरू से शुरू करते हैं और 7 साल पीछे चलते हैं...
दरअसल पूरा केस करीब सात साल पहले राजस्थान के दौसा जिले का है और इस मामले में दौसा के मेहंदीपुर बालाजी थाना पुलिस ने अब मथुरा की आरती नाम की एक महिला को गिरफ्तार किया है । आरती के मर्डर के मामले में उसके पति ने 2 साल जेल में बिताए हैं। जबकि वह जिंदा है । आरती के पति सोनू सैनी ने पुलिस को बताया कि पूरा घटनाक्रम साल 2015 का है। साल 2015 में दौसा के बालाजी कस्बे के समाधि गली, मुंबई धर्मशाला के पास वह दुकान पर काम करता था । जन्माष्टमी के दो दिन बाद उत्तर प्रदेश के मथुरा में रहने वाली आरती नाम की एक महिला उसके पास आई । उससे बातचीत हुई उसने बालाजी के दर्शन के बारे में पूछा , उसके बाद दोनों में बातचीत आगे बढ़ने लगी और दोनों ने एक दूसरे को अपने मोबाइल नंबर दे दिए ।
8 सितंबर को 2015 को वो शादी वाला दिन...
इस घटनाक्रम के करीब 3 सप्ताह के बाद आरती अकेली मथुरा से बालाजी आ गई और उसने सोनू से अपने प्यार का इजहार कर दिया । उसके बाद दोनों ने दौसा जिले के बांदीकुई में स्थित कोर्ट में कोर्ट मैरिज कर ली । 8 सितंबर को 2015 को दोनों ने शादी कर ली । कुछ दिन सब सही चला लेकिन उसके बाद सोनू अपनी पत्नी आरती को अपने गांव रसीदपुर ले गया। वहां पहुंचते ही आरती का दिमाग बेकाबू हो गया। उसने अपने पति सोनू से पूरी जमीन ,जायदाद, सोना चांदी , ₹50000 और सब कुछ अपने नाम करने की बात कही। पति सोनू ने मना कर दिया तो 8 दिन बाद अचानक आरती गायब हो गई। सोनू ने पुलिस को बताया कि उसने आरती को मथुरा, वृंदावन, भरतपुर, जयपुर , अलवर , दौसा कई जिलों और कई शहरों में तलाशा । लेकिन वह नहीं मिली । उसके बाद पत्नी को भुलाकर वह मेहंदीपुर बालाजी में एक दुकान पर मजदूरी करने लगा । साथ ही उसने आरती के गुम होने की रिपोर्ट बालाजी पुलिस को भी नहीं दी । वह उसे अपने स्तर पर ही तलाश करता रहा ।
शादी के कुछ दिन बाद मिली लाश...पुलिस ने खुद किया था कंफर्म
उधर आरती के लापता होने पर उसके पिता सूरज प्रसाद ने मथुरा वृंदावन के कोतवाली थाने में 25 सितंबर 2015 को बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करा दी। रिपोर्ट में उसके पति सोनू, उसका साथी भगवान और अरविंद इन तीन लोगों का जिक्र किया गया। गुमशुदगी दर्ज होने के सिर्फ 4 दिन बाद ही मथुरा पुलिस को एक नहर से 35 साल की महिला का शव मिला । उसके कद काठी और हुलिया आरती के जैसा ही था। पुलिस ने आरती के पिता सूरज प्रसाद को बुलाया और उससे तफ्तीश कराई , तो पिता ने कहा यह उसकी बेटी ही है। उसके बाद सूरज प्रसाद ने अपनी बेटी के शव का अंतिम संस्कार कर दिया ।
सोनू 18 महीने जेल में बंद रहा... इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत
लाश को डिस्पोज करने के करीब 6 महीने के बाद 17 मार्च 2016 को सूरज प्रसाद ने आरती के पति सोनू समेत कई लोगों के खिलाफ हत्या कर लाश को नहर में ठिकाने जैसी f.i.r. लिखवा दी । इसके बाद वृंदावन पुलिस सोनू, गोपाल उर्फ भगवान सिंह को हिरासत में लेकर चली गई और उन्हें हत्या का आरोपी मानते हुए चार्जशीट पेश कर दी । उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे मामले में गोपाल को 9 महीने सोनू को 18 महीने तक जेल में बंद रहना पड़ा । बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जाकर दोनों की जमानत हुई।
थर्ड डिग्री टॉर्चर ऐसा कि रूह कांप जाए
इस पूरे घटनाक्रम में सोनू ने बताया कि वृंदावन की कोतवाली पुलिस ने उसे थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया । उसकी अंगुलियां मरोड़ दी । हाथ से नाखून काट लिए और कई हड्डियां तोड़ दी । गोपाल के साथ भी ऐसा ही किया और उनसे कई सादा कागजों पर साइन करवा लिए ।
उधर जब सोनू और गोपाल छूटकर आए तो उनका यही कहना था कि उन लोगों ने कुछ नहीं किया । वह अपनी मजदूरी कर रहे थे बल्कि सेठ से उधार लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत कराई है ।
अब इस पूरे घटनाक्रम के बाद कहानी में जोरदार ट्विस्ट आया.....
कुछ दिन पहले ही बालाजी में काम करने वाले सोनू के दोस्त गोपाल की पहचान एक युवक से हुई । उसने बताया कि नजदीक ही विशाला गांव में रेबारी समाज के एक घर में यूपी के उरई क्षेत्र से एक लड़की को ब्याह कर लाया गया है । उसके बाद सोनू का दिमाग ठनका । उसने कहा कि उस लड़की के बारे में पता लगाते हैं । सोनू ने अपने दोस्त गोपाल के साथ मिलकर योजना बनाई और विशाला गांव पहुंच गए । वहां पर खुद को सरकारी एजेंट बताया और कहा कि वे लोग स्वच्छ भारत मिशन के तहत टॉयलेट बनाते हैं और इसका पैसा सरकार देती है। इसलिए उन्होंने परिवार के मुखिया से दस्तावेज लेना शुरू कर दिया । जिस घर से उनको शक था कि उस घर में आरती हो सकती है । उन दोनों का शक सही निकला । आरती की गैर हाजिरी में उसने आरती के ससुर से उसके परिवार के दस्तावेज लिए , जिसमें आरती की फोटो एक अन्य युवक के साथ ही थी ।
अब यहां से कहानी में तीसरा ट्विस्ट आने वाला है....
सोनू और गोपाल ने यह फोटो ले जाकर अपने बालाजी थाना पुलिस को दी और उनसे कहा कि इस घटनाक्रम की जांच करें। उन्हें हत्या के मामले में पहले ही सजा हो चुकी है । इस घटना के बाद यूपी पुलिस की जांच भी सवालों के घेरे में आ चुकी थी । उसके बाद कुछ दिन पहले बालाजी पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम पर जांच शुरू की और आखिर शनिवार को विशाला गांव से आरती को गिरफ्तार कर ही लिया । अब आरती को जेल भेज दिया गया है । सोनू और गोपाल को अब पता चला कि जिस महिला की हत्या के मामले में वह दो ढाई साल जेल काट आए हैं वह महिला जिंदा है । यह पूरा घटनाक्रम किसी सस्पेंस मूवी की तरह है । जहां पर मूवी का एक्टर आरती का पहला पति सोनू और उसका दोस्त था । आरती इसमें खुद विलन थी और उसके परिवार के अन्य लोग साइड कास्ट थी । मथुरा पुलिस के जांच पर सवाल उठे, लेकिन राजस्थान के दौसा शहर की बालाजी पुलिस ने सब दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है। हालांकि अब भी आरती का डीएनए टेस्ट कराने की बात की जा रही है।
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