जब लवमैरिज के बावजूद प्रेमिका ने कर ली किसी और से सगाई, तो टूट गया डॉक्टर प्रेमी का दिल

लवमैरिज के कुछ दिनों बाद ही प्रेमिका की जबर्दस्ती कहीं और सगाई कराने से मायूस प्रेमी ने सुसाइड कर ली। इससे पहले उसने फेसबुक पेज पर एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें अपनी प्रेम कहानी का उल्लेख किया। लड़की का पिता लड़के की जाति को लेकर खुश नहीं था। मामला राजस्थान के चुरू जिले का है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 27, 2020 4:36 AM IST

(तस्वीर आर्यसमाज मंदिर में प्रेमी कपल की शादी की है)

सीकर, राजस्थान. लवमैरिज (love marriage) के कुछ दिनों बाद ही प्रेमिका की जबर्दस्ती कहीं और सगाई करने से दु:खी प्रेमी ने सुसाइड (suicide) कर लिया। लड़की के पिता को लड़की जाति से परहेज था। प्रेमी ने फेसबुक पर एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें किसी को इसके लिए जिम्मेदार नहीं माना। हां, उसने यह जरूर कहा कि उसकी जाति प्रेम में आड़े आ गई। पुलिस के अनुसार चुरू जिले के नयाबास निवासी 30 वर्षीय डॉ. पवन सिरोहा दिल्ली में रहता था। उसने शनिवार को दिल्ली स्थित फ्लैट में सुसाइड कर ली थी। इस मामले में जांच में अब सामने आया है कि इस प्रेम में जाति बंधन बन गई थी।

बेटी को जबर्दस्ती अपने साथ ले गए थे पिता

पुलिस की जांच में सामने आया है कि लड़की के पिता को जब लवमैरिज का पता चला, तो वो दिल्ली पहुंचा। फिर 18 अक्टूबर को अपनी बेटी को जबर्दस्ती अपने साथ ले गया। तब से प्रेमी परेशान था। उसके दोस्तों ने बताया कि वे 23 अक्टूबर को पवन से मिलने गए थे। वो काफी टेंशन में दिखा। पवन ने 24 अक्टूबर की सुबह करीब साढ़े 11 बजे अपने कमरे में सुसाइड कर लिया था। इससे पहले उसने फेसबुक पर एक सुसाइड नोट छोड़ा। मृतक का रविवार को अंतिम संस्कार किया गया।

पढ़ाई के दौरान हुआ था प्यार...
पवन जयपुर में रहकर एमबीबीएस की तैयारी कर रहा था। प्रेमिका झुंझनूं की रहने वाली है। वो जयपुर में रहकर नीट की तैयारी कर रही थी। इसी दौरान दोनों के बीच प्यार हुआ। इसके बाद पवन नागपुर के एक कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई करने चला गया। वहीं, प्रेमिका ने नर्सिंग की और दिल्ली के एक अस्पताल में जॉब करने लगी। कुछ महीने पहले दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी। पवन के पिता मनोहर मिस्त्री का काम करते हैं। वो तीन बहनों में सबसे छोटा भाई था। उसके घरवालों को को भी नहीं पता था कि उसने शादी कर ली है।

गरीब बच्चों के लिए काम करना चाहता था
पवन के पिता ने बताया कि एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने नौकरी करने के बजाय नागपुर में गरीब और पिछड़े बच्चों के लिए कोचिंग सेंटर खोला। उसका नाम संघर्ष दिया। वह कम शुल्क पर बच्चों को कोचिंग देता था। इस समय उसकी ऑनलाइन क्लासेस में 150 बच्चे थे। पवन के 14 डॉक्टर दोस्त भी इस सेंटर से जुड़े थे।

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